अल्मोड़ा में खुलेगा कुमाऊं का पहला जैविक महाविद्यालय

जागरण संवाददाता, रानीखेत : उत्तराखंड को 'जैविक प्रदेश' बनाने की दिशा में कदम बढ़ने लगे हैं। इसी मकसद

By Edited By: Publish:Mon, 22 Dec 2014 11:15 PM (IST) Updated:Mon, 22 Dec 2014 11:15 PM (IST)
अल्मोड़ा में खुलेगा कुमाऊं का पहला जैविक महाविद्यालय

जागरण संवाददाता, रानीखेत : उत्तराखंड को 'जैविक प्रदेश' बनाने की दिशा में कदम बढ़ने लगे हैं। इसी मकसद से सूबे में कुमाऊं का पहला 'ऑर्गेनिक डिग्री कॉलेज' मजखाली (अल्मोड़ा) में जल्द मूर्त रूप लेगा। इसमें विद्यार्थियों को जहां जहां डिप्लोमा कोर्स कराए जाएंगे, वहीं जैविक खेती, बीज एवं पौधों पर शोध होंगे। काश्तकारों को विशेष प्रशिक्षण भी दिलाया जाएगा। भावी महाविद्यालय को बरसार जैविक विश्वविद्यालय (गढ़वाल) से संबद्ध किया जाएगा। इसे धरातल पर उतारने के लिए कृषि महकमे की 15 हेक्टेअर भूमि बाकायदा उत्तराखंड जैविक उत्पाद विकास परिषद के नाम की जाएगी।

यह बात परिषद के फार्म स्थित प्रशिक्षण केंद्र में सोमवार को कृषक गोष्ठी एवं मेले में कृषि मंत्री हरक सिंह रावत ने कही। उन्होंने कहा कि हिमालयी राज्य में पारंपरिक खेती को पूर्ण रूप से जैविक में बदलने के लिए राज्य सरकार बेहद गंभीर है। रासायनिक दवाओं, कीटनाशक व उर्वरकों के दुष्प्रभाव से कृषि भूमि व उत्पाद को बचाया जा सके इसके लिए पर्वतीय राज्य में वृहद स्तर पर योजनाओं को अमलीजामा पहनाया जाएगा। मंत्री रावत ने उत्तराखंड जैविक विकास परिषद मजखाली में कुमाऊं का पहला 'ऑर्गेनिक डिग्री कॉलेज' खोलने की घोषणा की। कहा कि इसमें छात्र-छात्राओं को जैविक खेती के डिप्लोमा कोर्स कराए जाएंगे। काश्तकारों को प्रशिक्षण के साथ ही विभिन्न शोध भी होंगे।

कृषि मंत्री ने महाविद्यालय भवन को मूर्तरूप देने के लिए कृषि महकमे के अधीन 15 हेक्टेअर भूमि परिषद को हस्तांतरित करने के निर्देश भी दिए। कहा कि भावी जैविक महाविद्यालय को जैविक विवि बरसार (गढ़वाल) से संबद्ध किया जाएगा। इससे पूर्व कृषि मंत्री ने कृषक गोष्ठी एवं मेले का शुभारंभ भी किया। मौके पर विधायक रेखा आर्या, परिषद अध्यक्ष लक्ष्मी राणा, वरिष्ठ एमडी विनीता साह, निदेशक उद्यान डॉ.आईए खान, संयुक्त निदेशक (कृषि) डॉ.परमा राम, सीएओ डॉ.अभय सक्सेना, सीएओ चंपावत डॉ.एके उपाध्याय समेत तमाम अधिकारी मौजूद रहे।

=== इंसेट===

ये जैविक किसान हुए सम्मानित

= सावित्री गरजौला - कोटद्वार (गढ़वाल)

= तारा देवी - भिक्यिासैंण (अल्मोड़ा)

= चंदन सिंह - खूंट

= नंदन सिंह बिष्ट - स्याल

= सुरेंद्र सिंह - रामगढ़ (नैनीताल)

= लीला राम - बेतालघाट

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