'हम अपनी नौकरी का इम्तिहान देंगे, 'प्रेरणा' तू है बेवफा...,शिक्षकों ने जारी किया वीडियो
हम अपनी नौकरी का इम्तिहान देंगे प्रेरणा तू है बेवफा... नामक गाने का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
वाराणसी, जेएनएन। इन दिनों शिक्षकों के बीच प्रेरणा एप को लेकर चल रहा विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। 'प्रेरणा' एप को लेकर परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक इन दिनों लामबंद हैं और कई जगह विरोध प्रदर्शन् कर रहे हैं। सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक शिक्षकों का विरोध जारी है। वहीं दूसरी ओर इन दिनों 'हम अपनी नौकरी का इम्तिहान देंगे, 'प्रेरणा' तू है बेवफा...' नामक गाने का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। पांच मिनट 48 सेकेंड के इस वीडियों में शिक्षकों ने अपनी व्यथा को समाज तक पहुंचाने का प्रयास किया है। वीडियो शिक्षक एक दूसरे को शेयर कर अपने दुख दर्ज साझा कर रहे हैं।
सरकार की पहल पर बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षक दिवस पर पांच सितंबर को 'प्रेरणा' एप लांच किया। जिसका मकसद शिक्षा की गुणवत्ता बढाने के लिए शिक्षकों की जिम्मेदारी तय करना। वहीं उपस्थिति प्रमाणित कराने के लिए इस मोबाइल 'एप' पर शिक्षकों को स्कूल खुलने व बंद करते समय सेल्फी अपलोड करना है। इसके अलावा मध्याह्न भोजन की फोटो खींचकर भी अपलोड करना होगा। वहीं सॉफ्टवेयर मध्याह्न भोजन करने वाले बच्चों की संख्या स्वत: गिन लेगा। यही नही विद्यालय का नाम, प्रार्थना सभा, अध्यापकों की उपस्थिति, बच्चों की उपस्थिति, मध्याह्न भोजन के वितरण सहित अन्य गतिविधि प्रतिदिन 'एप' पर अपलोड करनी है। 'एप' के माध्यम से अनुपस्थित शिक्षकों का विवरण भी अपलोड करना है। इसके अलावा कायाकल्प योजना के तहत विद्यालयों में हुए कार्य का भी ब्यौरा ऑनलाइन ही देना है। विद्यालय में बाउंड्रीवाल है या नहीं, विद्यालय के विकास के लिए क्या योजना बनी है या नहीं, धनराशि है या नहीं, पंचायत का सहयोग नहीं मिल रहा या नही सहित अन्य गतिविधियों की जानकारी भी अब 'एप' के माध्यम से देनी होगी।
एप का विरोध जारी : इस 'एप' का शिक्षक समुदाय लंबे समय से विरोध कर रहे हैं। गत 27 अगस्त को शिक्षकों ने वरूणापुल स्थित शास्त्रीघाट पर धरना-प्रदर्शन भी किया था। इस दौरान विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को संबोधित एसीएम चतुर्थ को ज्ञापन भी सौंपा। दूसरी ओर प्रेरणा एप को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग सख्त है। बहरहाल शिक्षकों के प्रबल विरोध के चलते अब तक प्रेरणा एप मूर्त रूप नहीं ले सका है।