जाली वर्क संग जूट वाल हैंगिंग को भी मिला जीआइ उत्पाद का दर्जा

वाराणसी : हस्तकला व उत्कृष्ट कारीगरी के लिए विख्यात वाराणसी परिक्षेत्र का दबदबा जीआइ (जियोग्र

By JagranEdited By: Publish:Tue, 17 Apr 2018 09:00 AM (IST) Updated:Tue, 17 Apr 2018 09:00 AM (IST)
जाली वर्क संग जूट वाल हैंगिंग को भी मिला जीआइ उत्पाद का दर्जा
जाली वर्क संग जूट वाल हैंगिंग को भी मिला जीआइ उत्पाद का दर्जा

वाराणसी : हस्तकला व उत्कृष्ट कारीगरी के लिए विख्यात वाराणसी परिक्षेत्र का दबदबा जीआइ (जियोग्राफिकल इंडिकेशन) व बौद्धिक संपदा के क्षेत्र में लगातार बढ़ रहा है। इसी क्रम में वाराणसी सॉफ्ट स्टोन जाली वर्क सहित गाजीपुर के उत्कृष्ट क्राफ्ट वाल हैंगिंग को 30 मार्च 2018 से देश के बौद्धिक संपदा अधिकार में शामिल कर लिया गया है। अब वाराणसी परिक्षेत्र में जीआइ उत्पादों की संख्या आठ से बढ़कर 10 हो गई। इसके साथ यह दुनिया के किसी भी भू-भाग में सर्वाधिक जीआइ पंजीकृत उत्पादों वाला क्षेत्र भी बन गया है। इससे पहले बनारसी ब्रोकेड व साड़ी, मेटल रिपोजी, गुलाबी मीनाकारी, लकड़ी का खिलौना, ग्लास बीड्स, कार्पेट, हैंडमेड दरी व ब्लैक पाटरी जीआई उत्पाद में पंजीकृत होकर देश की बौद्धिक संपदा में शामिल हो चुके हैं। जीआइ विशेषज्ञ डा. रजनीकांत ने बताया कि नाबार्ड के सहयोग से ह्यूमन वेलफेयर एसोसिएशन के फैसिलिटेशन द्वारा 18 जुलाई 2016 को जीआइ रजिस्ट्री-चेन्नई में पंजीकरण के लिए आवेदन किया गया था। सॉफ्ट स्टोन में 'दी बनारस हैंडीक्राफ्ट डेवलपमेंट सोसाइटी-रामनगर व बनारस हैंडीक्राफ्ट डेवलपमेंट इंडस्ट्रीयल को-आपरेटिव सोसाइटी' वहीं गाजीपुर से वाल हैंगिंग के लिए 'निशा क्राफ्ट विकास समिति-सैदपुर, गाजीपुर ने आवेदन प्रक्रिया पूरी करने में सहयोग किया। दोनों क्राफ्ट की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 12 मार्च 2018 को फ्रांस के राष्ट्रपति को दीनदयाल हस्तकला संकुल-बड़ालालपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन उत्पादों को बारीकी से दिखाया व समझाया था। अद्भुत कारीगरी देखकर फ्रांसीसी राष्ट्रपति अभिभूत हो उठे थे। गाजीपुर के वाल हैंगिंग पर बना फ्रांस का एफिल टावर भी भेंट किया गया था।

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20 माह की कानूनी प्रक्रिया के बाद दोनों को जीआइ उत्पाद का दर्जा मिला है। इसी के साथ निर्यात आधारित इन उत्पादों के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा, जिसमें केंद्र व राज्य सरकार का विशेष सहयोग भी प्राप्त होगा। इस तरह के अन्य उत्पादों के जीआई पंजीयन के लिए नाबार्ड अपना सहयोग प्रदान करेगा, ताकि पूर्वाचल के क्राफ्ट को संरक्षित किया जा सके।

-सुशील कुमार तिवारी, जिला विकास प्रबंधक-नाबार्ड

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