वाराणसी का मौसम अपडेट : छिटपुट बारिश और हवा ने बढ़ाई गलन, निकली हल्‍की धूप

गुरुवार को हल्‍की धूप से लोग गुनगुना गए । हवा सिहरन का अहसास कराने लगीं। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि आसमान से बादलों के साफ हो जाने और धूप खिलने से अभी कुछ दिनों तक सुबह कोहरे में लिपटी होगी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 13 Jan 2022 11:26 AM (IST) Updated:Thu, 13 Jan 2022 11:26 AM (IST)
वाराणसी का मौसम अपडेट : छिटपुट बारिश और हवा ने बढ़ाई गलन, निकली हल्‍की धूप
वाराणसी का मौसम अपडेट : छिटपुट बारिश और हवा ने बढ़ाई गलन, निकली हल्‍की धूप

जागरण संवाददाता, वाराणसी। बादलों की आवाजाही के बीच बुधवार की दोपहर कहीं-कहीं छिटपुट बारिश हुई। इसके बाद बही 4-10 किमी प्रति घंटा के वेग से हवाओं ने शाम के समय से सिहरन बढ़ा दी। सुबह से ही खिली धूप ने अधिकतम तापमान में मामूली वृद्धि की तो न्यूनतम तापमान में लगभग उतनी ही कमी से औसत तापमान पिछले 24 घंटों से स्थिर बना रहा। बुधवार को अधिकतम तापमान 21.6 डिग्री सेल्सियस तो न्यूनतम 13.6 डिग्री सेल्सियस रहा। जबकि मंगलवार को यह 21 और 14 पर था। गुरुवार को हल्‍की धूप से लोग गुनगुना गए । हवा सिहरन का अहसास कराने लगीं। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि आसमान से बादलों के साफ हो जाने और धूप खिलने से अभी कुछ दिनों तक सुबह कोहरे में लिपटी होगी। हालांकि कुछ घंटों के बाद कोहरा छंट जाएगा और धूप निकल आएगी।

मौसम के साफ होने शाम के समय न्यूनतम तापमान में कमी आने से रात के पिछले दो-तीन दिनों की अपेक्षा ठंडी होने का अनुमान है। छिटपुट हल्की बारिश के चलते मौसम में आर्द्रता बढ़कर लगभग 100 फीसद जा पहुंची है। धूप खिलने के बाद भी कोहरे का प्रभाव वातावरण में दोपहर ढलते ही दिखने लगा। इसके चलते अधिकतम दृश्यता 1100 मीटर तक ही रही।

अब अगले सप्ताह ही ठंड की उम्मीद

वरिष्ठ मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय कहते हैं कि आमतौर पर दिसंबर के अंतिम सप्ताह से मकर संक्रांति तक शीत ऋतु अपने चरम पर होती है। लेकिन इस बार दो-दो बड़े पश्चिमी विक्षोभ इस बार पूर्वी उत्तर प्रदेश तक आते-आते कमजोर पड़ गए, अब धरातल से डेढ़-दाे किलोमीटर ऊपर बह रही ठंडी हवाओं ने नीचे के वातावरण का तापमान अधिक घटने से रोक रखा है। अब उम्मीद है कि मकर संक्रांति के बाद अगले सप्ताह ही कायदे की ठंड पड़ेगी। क्योंकि आगे 16 जनवरी तक एक पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर पहुंचेगा। उसके दो-तीन दिन बाद पूर्वी उत्तर प्रदेश तक पहुंचेगा तो संभावना है कि इस ओर भी ठंड का प्रभाव बढ़े।

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