UP Board : परीक्षा शुल्क की राह में बंदी है बाधक, फीस जमा करने की अंतिम तिथि पांच अगस्त

कोविड-19 के प्रकोप के चलते सभी विद्यालय 31 जुलाई तक बंद हैं। यूपी बोर्ड के हाईस्कूल व इंटर का परीक्षा (2021) फार्म भरने की अंतिम तिथि पांच अगस्त निर्धारित है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 28 Jul 2020 08:11 PM (IST) Updated:Wed, 29 Jul 2020 06:24 AM (IST)
UP Board : परीक्षा शुल्क की राह में बंदी है बाधक, फीस जमा करने की अंतिम तिथि पांच अगस्त
UP Board : परीक्षा शुल्क की राह में बंदी है बाधक, फीस जमा करने की अंतिम तिथि पांच अगस्त

वाराणसी, जेएनएन। यूपी बोर्ड के हाईस्कूल व इंटर का परीक्षा (2021) फार्म भरने की अंतिम तिथि पांच अगस्त निर्धारित है। निर्धारित अवधि के भीतर विद्यार्थियों को परीक्षा शुल्क भी जमा करना अनिवार्य है। दूसरी ओर कोविड-19 के प्रकोप के चलते सभी विद्यालय 31 जुलाई तक बंद हैं। हालांकि विद्यालयों का कार्यालय खुल रहा है। इसके बावजूद छात्र परीक्षा शुल्क जमा करने को लेकर गंभीर नहीं हैं। बोर्ड परीक्षा शुल्क जमा करने को लेकर विद्यालय चिंतित हैं।

बोर्ड की ओर से हाईस्कूल का 500 रुपये व इंटर का 600 रुपये परीक्षा शुल्क निर्धारित है। प्रधानाचार्यों का कहना है कि विद्यालय बंद होने के कारण छात्र परीक्षा शुल्क नहीं जमा कर रहे हैं। वित्तविहीन विद्यालयों की स्थिति और गंभीर है। मासिक शुल्क के अभाव में शिक्षकों का मानदेय फंसा हुआ है। ऐसी स्थिति में छात्रों का बोर्ड परीक्षा शुल्क विद्यालय स्तर पर जमा संभव नहीं है। समाजवादी शिक्षक सभा के जिलाध्यक्ष संजय प्रियदर्शी ने परीक्षा शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर करने का अनुरोध किया है। ताकि बच्चों के अभिभावकों परीक्षा शुल्क जमा करने का पर्याप्त समय मिल सके। उधर डीआइओएस डा. वीपी सिंह ने हाईस्कूल व इंटर के छात्रों से पांच अगस्त तक परीक्षा शुल्क जमा करने का निर्देश दिया है। उन्होंने सक्षम अभिभावकों से मासिक शुल्क भी जमा करने की अपील की है ताकि विद्यालयों के संचालन में आर्थिक बाधा दूर हो सके।

बीता एक माह, नहीं जारी हुआ अंकपत्र

यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा 2020 का परिणाम घोषित हुए एक माह पूरा हो गया है। लेकिन बोर्ड अंकपत्र अब तक नहीं जारी कर सका है। ऐसे में छात्रों को डिजिटल अंकपत्र पर ही काम चलाना पड़ रहा है। नेट से अंकपत्र डाउनलोड कर छात्रों ने स्क्रूटनी के लिए आवेदन करना पड़ा। यही नहीं संशोधन के लिए भी छात्रों को डिजिटल अंकपत्रों के सहारा लेना पड़ रहा है।  डीआइओएस डा. वीपी सिंह ने कहा कि आवश्यकतानुसार पडऩे पर छात्र डिजिटल अंकपत्र उपयोग कर सकते हैं। कहा कि संबंधित विद्यालयों के प्रधानाचार्य के हस्ताक्षर पर मुहर के बाद डिजिटल अंकपत्र पूरी तरह मान्य है। उन्होंने सप्ताहभर में अंकपत्र आने की संभावना जताई है।

chat bot
आपका साथी