बीएचयू- गंभीर मरीजों के लिए वरदान ट्रामा सेंटर, 3.5 फीसद तक कम हुई मृत्युदर

सड़क या अन्य दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से घायल मरीजों की जान बचाना अब मुश्किल नहीं रहा। बीएचयू का ट्रामा सेंटर न सिर्फ बनारस बल्कि पूर्वांचल के लिए वरदान साबित हो रहा है।

By Vandana SinghEdited By: Publish:Sun, 14 Apr 2019 11:58 AM (IST) Updated:Sun, 14 Apr 2019 04:01 PM (IST)
बीएचयू- गंभीर मरीजों के लिए वरदान ट्रामा सेंटर, 3.5 फीसद तक कम हुई मृत्युदर
बीएचयू- गंभीर मरीजों के लिए वरदान ट्रामा सेंटर, 3.5 फीसद तक कम हुई मृत्युदर

वाराणसी, [मुहम्मद रईस]। सड़क या अन्य दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से घायल मरीजों की जान बचाना अब मुश्किल नहीं रहा। बीएचयू का ट्रामा सेंटर न सिर्फ बनारस बल्कि पूर्वांचल के लिए वरदान साबित हो रहा है। 

सितंबर 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे पूर्वांचल की जनता को समर्पित किया था। उद्देश्य था दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से घायलों को सर्वोत्तम उपचार किफायती दर पर उपलब्ध कराना, ताकि सड़क दुर्घटना के कारण होने वाली मौतों की संख्या को कम किया जा सके। हालिया आंकड़ों पर नजर दौड़ाया जाए तो यह मकसद पूरा होता नजर भी आ रहा है। वर्ष 2018 में बीएचयू ट्रामा पहुंचने वाले महज सात फीसद मरीजों की मौत हुई थी। यह आंकड़ा 2017 के मुकाबले 3.5 व 2016 के मुकाबले 2.5 फीसद कम है।

इंटेंसिव केयर यूनिट हुई है बेहतर

बीएचयू स्थित सर सुंदर लाल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. एसके माथुर बताते हैं कि अस्पताल में जहां इंटेंसिव केयर यूनिट (आइसीयू) को बेहतर किया गया है, वहीं क्रिटिकल केयर यूनिट (सीसीयू) में भी अमूल-चूल परिवर्तन किए गए हैं। इसके अलावा हॉस्पिटल के पैरा मेडिकल स्टाफ व डाक्टर्स को लगातार प्रशिक्षित भी किया गया। मरीजों के पहुंचते ही कैसे ट्रीट करना है, किस तरह का इलाज देना है आदि मामलों में पहले से स्थिति बेहतर हुई है। प्रो. माथुर कहते हैं कि मृत्यु दर में कमी की एक बड़ी वजह लोगों की जागरूकता भी है। पहले जहां दुर्घटना होने पर लोग इधर-उधर इलाज कराने को भटकते थे, वहीं अब सीधे ट्रामा सेंटर पहुंच रहे हैं।

ट्रामा सेंटर में मृत्युदर

वर्ष      फीसद

2016      9.50

2017     10.50

2018      7.00

ट्रामा सेंटर में भर्ती मरीज

वर्ष      संख्या

2016       8678

2017      10481

2018      11919

ट्रामा सेंटर में हुए ऑपरेशन

वर्ष       संख्या

2016       3441

2017       7119

2018       8545

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