सत्तादल के दबाव में झुका प्रशासन, पंचायतीराज विभाग में ट्रांसफर-पोस्टिंग का चल रहा खेल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त हिदायत के बाद भी अधिकारी मनमानी तरीके से ट्रांसफर-पोस्टिंग का खेल कर रहे हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Fri, 23 Aug 2019 07:17 PM (IST) Updated:Sat, 24 Aug 2019 08:45 AM (IST)
सत्तादल के दबाव में झुका प्रशासन, पंचायतीराज विभाग में ट्रांसफर-पोस्टिंग का चल रहा खेल
सत्तादल के दबाव में झुका प्रशासन, पंचायतीराज विभाग में ट्रांसफर-पोस्टिंग का चल रहा खेल

भदोही, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त हिदायत के बाद भी अधिकारी मनमानी तरीके से ट्रांसफर-पोस्टिंग का खेल कर रहे हैं। पंचायतीराज विभाग में सचिवों का स्थानांतरण और फिर उसकी मूल पद पर वापसी किया जा रहा है। उदाहरण के तौर पर सहायक विकास अधिकारी डीघ को देखा जा सकता है। यही नहीं सत्तादल के दबाव में प्रशासन को बैकफुट होकर अरुण चौबे को फिर भदोही ब्लाक में तैनाती दे दी गई।

ट्रांसफर-पोङ्क्षस्टग को लेकर मुख्यमंत्री बहुत ही गंभीर हैं लेकिन जिले स्तर पर इसका खुला खेल खेला जा रहा है। विकास खंड डीघ में तैनात सहायक विकास अधिकारी पंचायत को कुछ दिन के लिए विकास भवन में संबद्ध कर दिया गया था। अहम सवाल यह है कि उनके खिलाफ यह कार्रवाई क्यों और किस आरोप में किया गया? दो दिन में ही उनके खिलाफ लगे आरोप कैसे समाप्त हो गए? शायद इसका जवाब भी किसी जिम्मेदार अधिकारी के पास नहीं है। 

सत्तादल का चल रहा दबाव : अधिकारियों ने उन्हें फिर उसी पद और ब्लाक में तैनात कर दिया जहां से हटाया था। हद तो तब हो जाती है जब जिला विकास अधिकारी जयकेश त्रिपाठी ने भदोही में तैनात ग्राम विकास अधिकारी अरुण चौबे को हटाकर दूसरे ब्लाक में भेज दिया था। सत्तादल के दबाव में आकर जिला प्रशासन ने उन्हें फिर भदोही तहसील में ही वापस कर दिया। 

सचिवों का किया जा रहा स्थानांतरण : पंचायती राज विभाग में आए दिन सचिवों को पहले तो स्थानांतरित कर दिया जाता है फिर बाद में समझौता होते ही उसी स्थान तैनात कर दिया जा रहा है। डीपीआरओ बालेशधर द्विवेदी का कहना है कि ऐसा कुछ नहीं किया जा रहा है। डीघ में कोई एडीओ जाने के लिए तैयार नहीं हो रहा था इसलिए फिर उन्हें उसी ब्लाक में भेज दिया गया है।

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