जाम के झाम में मरीजों की जान, बीएचयू अस्पताल प्रशासन नहीं चेता तो हो सकती है अनहोनी

बीएचयू अस्पताल प्रशासन नहीं चेता तो कभी भी कुछ भी अनहोनी हो सकती है।

By Edited By: Publish:Fri, 23 Aug 2019 02:11 AM (IST) Updated:Fri, 23 Aug 2019 09:35 AM (IST)
जाम के झाम में मरीजों की जान, बीएचयू अस्पताल प्रशासन नहीं चेता तो हो सकती है अनहोनी
जाम के झाम में मरीजों की जान, बीएचयू अस्पताल प्रशासन नहीं चेता तो हो सकती है अनहोनी

वाराणसी, जेएनएन। बीएचयू अस्पताल प्रशासन नहीं चेता तो कभी भी कुछ भी अनहोनी हो सकती है। दरअसल सर सुंदरलाल अस्पताल की इमरजेंसी में जितने मरीज नहीं होंगे, उससे कई गुना दो पहिया व चार पहिया वाहन बाहर खड़े रहते हैं। अराजकता की हालत यह कि गार्ड चुपचाप बैठे रहते हैं और वाहन लेकर लोग बेरोक-टोक आवागमन कर रहे हैं।

कई बार तो एक से दो घंटा जाम लगने पर इमरजेंसी के इंचार्ज डा. डीपी सिंह व सीएमओ डा. कुंदन कुमार को खुद स्थिति संभालनी पड़ती है। इस समस्या की जानकारी कई बार संबंधित अधिकारियों को भी दी गई है। वहीं परिसर में सीसीटीवी कैमरा लगा है, सभी अधिकारी उसमें भी जाम को देखते हैं लेकिन समस्या समाधान के लिए कुछ नहीं करते। ऐसे में इमरजेंसी की दर पर पहुंचकर भी जाम की वजह से मरीजों को समय से उपचार नहीं मिल पा रहा है। रोजाना लगने वाले जाम में फंसकर मरीज व उनके परिजन भी परेशान रहते हैं।

बैरियर के बाद भी मनमानी : अस्पताल परिसर में प्रवेश करते ही बैरियर लगा है लेकिन चार पहिया वाहनों की आवाजाही पर कोई रोक नहीं है। वहीं नेत्र संस्थान के पास दूसरा बैरियर लगा है। वहां गार्ड रोकते हैं तो चार पहिया वाहन सवार स्टाफ की गाड़ी व मरीज लेने व छोड़ने की बात कहकर इमरजेंसी तक गाड़ी लेकर चले जाते हैं, जबकि अस्पताल में कई ई-रिक्शा मरीजों को इमरजेंसी व ओपीडी तक निश्शुल्क पहुंचाने के लिए लगाए गए हैं।

सड़क पर वाहनों की कतार : इमरजेंसी के बाहर सौकड़ों दो पहिया वाहनों की कतार संग रास्ते में कई जगह चार पहिया वाहन खड़ा होने से स्थिति और खराब हो गई है। गंभीर मरीजों को लेकर आने वाली एंबुलेंस भी जाम में फंसी रहती है। इमरजेंसी के बाहर दिनभर में कई बार एक से दो घंटे तक जाम लग रहा है।

पार्किंग की समस्या : परिसर में दो पहिया व चार पहिया वाहनों की पार्किंग के लिए समुचित व्यवस्था का अभाव है। दो पहिया वाहनों की पार्किंग का स्टैंड अक्सर भरा ही रहता है। ऐसे में लोग सैकड़ों दो पहिया वाहनों को सड़क के किनारे ही खड़ा कर देते हैं।

दो पहिया वाहन स्टैंड : 800-900 दो पहिया वाहन खड़ा करने की क्षमता अस्पताल के मुख्य गेट के पास स्टैंड की। - 400-450 दो पहिया वाहन खड़े होते हैं ओपीडी के पास वाहन स्टैंड में।

बोले अधिकारी : इमरजेंसी के पास दो पहिया व चार पहिया वाहन खड़ा होने से जाम की समस्या बढ़ गई है। इसकी जानकारी संबंधित अधिकारियों को दी गई है। - प्रो. कुंदन कुमार, सीएमओ-एसएस अस्पताल, बीएचयू।

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