माल परिवहन के पूर्व आरएफआइडी डिवाइस को ई-वे बिल सिस्टम से मैप कराना जरूरी

वाराणसी में वाणिज्य कर टैक्स चोरी करने वाले माल वाहनों की निगहबानी आरएफआइडी टैग के माध्यम से शुरू कर दी गई है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 05 Nov 2018 12:02 PM (IST) Updated:Mon, 05 Nov 2018 02:55 PM (IST)
माल परिवहन के पूर्व आरएफआइडी डिवाइस को ई-वे बिल सिस्टम से मैप कराना जरूरी
माल परिवहन के पूर्व आरएफआइडी डिवाइस को ई-वे बिल सिस्टम से मैप कराना जरूरी

वाराणसी (जेएनएन) : वाणिज्य कर टैक्स चोरी करने वाले माल वाहनों की निगहबानी आरएफआइडी टैग के माध्यम से शुरू कर दी गई है। इसके लिए विभिन्न स्थानों पर वाणिज्य कर विभाग के अफसरों की तैनाती की गई है। माल के परिवहन के दौरान वाहन के विंड स्क्त्रीन पर आरएफआइडी टैग लगा न होने अथवा आरएफआइडी टैग की मैपिंग ई-वे बिल सिस्टम से न होने की स्थिति में वाहन समेत माल को जब्त करने की कार्यवाही की जाएगी। वाराणसी जोन के ज्वाइंट कमिश्नर, एसआइबी ओपी तिवारी ने बताया कि केंद्रीय एवं राज्य माल व सेवाकर नियमावली के तहत यह नई व्यवस्था लागू की गई है। यह एक नवंबर से ही प्रभावी है। इसके तहत माल के परिवहन के पूर्व वाहन पर आरएफआइडी टैग डिवाइस को लगाना अनिवार्य है। साथ ही आरएफआइडी टैग डिवाइस को ई-वे सिस्टम से मैप भी करना है। यह व्यवस्था इसलिए लागू की गई है ताकि टैक्स चोरी पर पूर्णतया विराम लगाया जा सके। आरएफआइडी टैग न लगाने वाले पर माल समेत वाहन को न सिर्फ सीज किया जा सकता है बल्कि अर्थठंड भी लगाया जा सकता है। इतना ही नहीं, जब्त किए गए माल को नीलाम भी किया जा सकता है। साथ ही विभिन्न धाराओं में कर निर्धारण, अर्थदंड आदि की कार्यवाही भी की सकती है। समाधान के लिए चार जगहों पर अधिकारियों की तैनाती नई व्यवस्था का पूरी तरह से अनुपालन कराने और माल वाहन स्वामियों, ट्रासपोर्टरों को आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए लहरतारा, रामकटोरा के अलावा मुगलसराय व नौबतपुर में अफसरों की तैनाती की गई है। आरएफआइडी टैग के विवरण एवं आरएफआइडी टैग की ई-वे बिल सिस्टम से मैपिंग के लिए विभाग ने उत्तर प्रदेश राज्य सरकार के उपक्त्रम यूपी डेस्को को कार्यदायी संस्था नामित किया है। कार्यदायी संस्थान ने वाहनों पर टैग लगाने के लिए जिलेवार एजेंसियों की तैनाती की है।

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