पूर्व केंद्रीय मंत्री आरिफ मोहम्मद खान बोले- नौ महीने में 90 फीसद कम हुए तीन तलाक के मामले

जब से तत्काल तीन तलाक मसले पर कानून की बात चल रही है इसमें कमी आई है।

By Edited By: Publish:Sun, 04 Aug 2019 01:42 AM (IST) Updated:Sun, 04 Aug 2019 02:40 PM (IST)
पूर्व केंद्रीय मंत्री आरिफ मोहम्मद खान बोले- नौ महीने में 90 फीसद कम हुए तीन तलाक के मामले
पूर्व केंद्रीय मंत्री आरिफ मोहम्मद खान बोले- नौ महीने में 90 फीसद कम हुए तीन तलाक के मामले

वाराणसी, जेएनएन। जब से तत्काल तीन तलाक मसले पर कानून की बात चल रही है, इसमें कमी आई है। उत्तर प्रदेश में स्थापित कई शरई अदालतों के आंकड़े देखने पर मालूम चलता है कि पिछले नौ महीनों के दौरान यहां 90 फीसद से अधिक केस खत्म हो गए हैं, जिसकी वजह कानून का डर है। यह बातें पूर्व केंद्रीय मंत्री आरिफ मोहम्मद खान ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में कही। वह बीएचयू स्थित शताब्दी कृषि प्रेक्षागृह में काशी मंथन के तहत आयोजित 'भारतीय पहचान : एक निरंतर यात्रा और खोज' व्याख्यान में बतौर मुख्य वक्ता पहुंचे थे। कहा इस्लाम के उदय से पहले अरब समाज सभ्य नहीं था।

बच्चियों के पैदा होने उन्हें जिंदा दफन कर दिया जाता था। इस्लाम ने नई चेतना पैदा की। कुरआन ने तलाक का एक ही तरीका है, जिसमें आखिरी समय तक परिवार को बचाने की कोशिश होती है। कहा सुप्रीम कोर्ट में आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने जो हलफनामा दिया था, उसमें तत्काल तीन तलाक को गुनाह माना था। वहीं अब वो भला किस मुंह से इसका विरोध कर रहे हैं। दरअसल तीन तलाक पर कानून से मुस्लिमों को नहीं बल्कि पर्सनल लॉ बोर्ड को समस्या है। वहीं व्याख्यान को संबोधित करते हुए कहा कि आपके हालात केवल आप ही बदल सकते हैं, जो कि केवल शिक्षा से ही संभव है। वेदों में भारत की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा की उत्तर में हिमालय और दक्षिण में समुद्र के बीच के भूभाग को भारत देश बताया गया है, प्राचीन काल में भूभाग में रहने वाले लोगों को भारत मां के संतान की संज्ञा दी गई।

इस देश में राजाओं को नहीं, बल्कि त्याग और स्वाध्याय के आधार पर ज्ञान अर्जित करने वाले ऋषि-मुनियों को आदर्श माना गया। ज्ञान प्राप्ति के लिए दुनिया की निगाहें अब भी भारत पर ही टिकी हैं। स्वागत आयोजन के संयोजक कुलसचिव-बीएचयू मयंक नारायण सिंह, संचालन चंद्राली मुखर्जी व धन्यवाद ज्ञापन डा. सुमिल तिवारी ने किया। इस अवसर पर प्रो. एमके सिंह, अजय सिंह, डा. धीरेंद्र कुमार राय, प्रो. एमके सिंह, अदिति सिंह, विक्रांत कुशवाहा, हर्षित जायसवाल, विशाल सिंह, पंकज सिंह, राज दुबे, रजीत बघेल, अभय ठाकुर आदि थे।

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