कुंभ स्नान के लिए जलपोत से जा सकेंगे प्रयागराज, चार फ्लोटिंग टर्मिनल तैयार

कुंभ और प्रवासी भारतीय दिवस के दौरान श्रद्धालु व सैलानी प्रयागराज तक जलपोत से यात्रा करेंगे, संगम में भी जहाज पर बैठकर पूरे इलाके का नजारा ले पाएंगे।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 15 Dec 2018 09:35 PM (IST) Updated:Sun, 16 Dec 2018 07:15 AM (IST)
कुंभ स्नान के लिए जलपोत से जा सकेंगे प्रयागराज, चार फ्लोटिंग टर्मिनल तैयार
कुंभ स्नान के लिए जलपोत से जा सकेंगे प्रयागराज, चार फ्लोटिंग टर्मिनल तैयार

वाराणसी, जेएनएन। स्नान पर्व कुंभ और प्रवासी भारतीय दिवस के दौरान श्रद्धालु व सैलानी काशी से प्रयागराज तक जलपोत से यात्रा का आनंद उठाएंगे। संगम क्षेत्र में भी जहाज पर बैठकर पूरे इलाके का नजारा ले पाएंगे। इसके लिए भारतीय अंतर्देशीय जल मार्ग प्राधिकरण ने मेला क्षेत्र में चार स्थानों पर फ्लोटिंग टर्मिनल तैयार कर लिए हैं। साथ ही दो जलपोत यथा कस्तूरबा और कमला उतारने का खाका भी खींच लिया गया है। अब बनारस से प्रयागराज के बीच पांच स्थानों पर जेटी बनाने की तैयारी है। इस पर कम से कम एक मीटर पानी में चलने वाले जहाज उतारे जाएंगे। इनकी क्षमता पांच सौ से एक हजार यात्री तक की होगी। 

कुंभ मेला 15 जनवरी (मकर संक्रांति) को पहले स्नान से शुरू होकर 15 मार्च तक चलेगा। इस बीच ही 21 से 23 जनवरी तक भारतीय प्रवासी दिवस का भी बनारस में आयोजन किया जा रहा है। इसमें आने वाले प्रवासी कुंभ की आध्यात्मिक आभा निरखने जाएंगे। इस लिहाज से पर्व-उत्सव को भव्यता प्रदान करने के लिए सभी विभागों की ओर से अपने-अपने स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। इसमें कुछ ही घंटों में जल परिवहन से गंतव्य तक पहुंचना बेहद खास होगा। इसलिए प्रयागराज में किलाघाट, नैनी ब्रिज, सरस्वती घाट और सुजवान घाट में फ्लोटिंग टर्मिनल स्थापित किए गए हैं।

साथ ही प्रयागराज से वाराणसी के बीच भी छतनाग, सिरसा, सीतामढ़ी, विंध्याचल और चुनार में पांच अस्थायी जेटी लगाई जा रही है। वहीं, इन दिनों अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण प्रयागराज से हल्दिया के बीच जलमार्ग एनडब्ल्यू-1 को विकसित करने में जुटा है। इसमें वाराणसी से हल्दिया तक कार्गो कंटेनर जल परिवहन की 12 नवंबर को पीएम के हाथों शुरूआत की जा चुकी है। आइडब्ल्यूएआइ के वाइस चेयरमैन प्रवीर पांडेय के अनुसार जलमार्ग प्राधिकरण पश्चिम बंगाल में गंगा सागर मेला व पटना में प्रकाश पर्व के दौरान जल परिवहन की व्यवस्था कर चुका है।

'कैलाश' ने डाला प्रयागराज में लंगर : मणिकर्णिकाघाट के सामने खड़ा रहने वाला हाउस बोट कैलाश ने प्रयागराज में लंगर डाल दिया है। कुंभ मेला में प्रवास के दौरान कथा मर्मज्ञ मोरारी बापू इसमें ही रहेंगे। इस बीच 19 से 27 जनवरी तक निंबार्क नगर स्थित खालसा केशिविर में रामकथा भी सुनाएंगे। पिछले साल अक्टूबर में मानस मसान सुनाने बनारस आए मोरारी बापू को ठहरने के लिए दो मंजिला हाउस बोट कैलाश का निर्माण कराया गया था।

इसे दो दिन पहले तीन सदस्यीय दल आठ दिनों की जलयात्रा कर प्रयागराज पहुंचा। इसे फिलहाल छतनाग घाट के पास खड़ा किया गया है। लगभग 80 फीट लंबे और 20 फीट चौड़े कैलाश के प्रथम तल पर तीन वातानुकूलित बेड रूम हैं। तीनों से बाथरूम संलग्न हैं। इन कमरों से ही लगा कांफ्रेस हाल भी है। ऊपरी तल पर मोरारी बापू का कक्ष है जिससे जुड़े हाल में हवन कुंड बना है। हाउस बोट के साथ एक छोटी नाव भी जिसे सुरक्षा चौकी के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। 

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