वाराणसी में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने चलाया अभियान तो 10 क्विंटल Cracker बरामद, तीन हिरासत में

दीपावली नजदीक आते ही पटाखे का का कारोबार फलने फुलने लगा है। इसी क्रम में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक ने बुधवार की रात दालमंडी क्षेत्र में खुद जांच अभियान चलाया। दुकानों को तलाशी कराई जिसमें करीब 10 क्विंटल पटाखे बरामद किए गए।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 05 Nov 2020 07:10 AM (IST) Updated:Thu, 05 Nov 2020 08:58 AM (IST)
वाराणसी में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने चलाया अभियान तो 10 क्विंटल Cracker बरामद, तीन हिरासत में
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक ने रात को दालमंडी क्षेत्र में खुद जांच अभियान चलाया।

वाराणसी, जेएनएन। दीपावली नजदीक आते ही पटाखे का का कारोबार फलने फुलने लगा है। इसी क्रम में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक ने बुधवार की रात दालमंडी क्षेत्र में खुद जांच अभियान चलाया। दुकानों को तलाशी कराई जिसमें करीब 10 क्विंटल पटाखे बरामद किए गए। पुलिस इस संबंध में तीन लोगों से पूछताछ कर रही है। 

एसएसपी ने रात चौक के दालमंडी में बिना लाइसेंस की अवैध पटाखों की दुकानों में छापेमारी कर तीन दुकानों अमानत रहनुमा हैंडलूम हाउस, शेख भाई राखी सेंटर व फिरोज की दुकान में तलाशी कराई। इस दौरान भारी मात्रा में पटाखे बरामद किए गए। एसएसपी ने चेतावनी दी कि बिना लाइसेंस के अवैध पटाखों की बिक्री करने वाले दुकानदारों के विरुद्ध आगे भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। थाना प्रभारी आशुतोष तिवारी ने बताया तीन दुकानों पर छापेमारी कर लगभग 10 क्विंटल अवैध पटाखा बरामद किया गया, जिसमें तीन लोगों को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है। पुलिस की कार्रवाई से क्षेत्र में अफरा-तफरी मची रही।

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सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बावजूद पटाखों के अवैध भंडारण पर कार्रवाई को लेकर प्रशासन गंभीर नहीं दिख रहा है। अधिकारियों की लापरवाही से इस धंधे से जुड़े लोगों के हौसले बुलंद हैं और वे थोड़े से फायदे के लिए आम लोगों की जिंदगी को खतरे में डाल रहे हैं। जैसे-जैसे दीपावली नजदीक आ रही है, कई इलाकों में पटाखों का कारोबार तेजी से फलने फूलने लगा है। हालांकि पटाखों को लेकर अब तक असमंजस की स्थिति बनी हुई लेकिन इसमें लोगों की गहरी रुचि को देखते हुए कारोबारी बिना लाइसेंस घनी आबादी के बीच घरों में चोरी छिपे पटाखों का निर्माण और भंडारण कर रहे हैं। दीपावली पर बिकने वाले सुतली बम इसके प्रमाण हैं जिस पर न फैक्ट्री का नाम होता, न लाइसेंस संख्या। कम खर्च में निर्माण और कई गुना दाम में पटाखे की बिक्री के चक्कर में कारोबारी लोगों की जान से खिलवाड़ करने से नहीं चूकते हैं। दीपावली में कुछ ही दिन बाकी हैं, लेकिन पटाखों के अवैध भंडारण और निर्माण के खिलाफ कोई अभियान नहीं शुरू किया गया है। हर बार घटना होने के बाद पुलिस प्रशासन जागता है।

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