सावन के पहले सोमवार पर वाराणसी में गूंजी भोले बाबा की जय जयकार

आज सावन का पहला सोमवार है इसलिए भगवान के मंदिर में सुबह 4.30 बजे ही शिव मंदिरों में जलाभिषेक करने वाले भक्तों की लंबी लंबी कताीरें देखने को मिल रही हैं।

By amal chowdhuryEdited By: Publish:Mon, 10 Jul 2017 09:16 AM (IST) Updated:Mon, 10 Jul 2017 09:16 AM (IST)
सावन के पहले सोमवार पर वाराणसी में गूंजी भोले बाबा की जय जयकार
सावन के पहले सोमवार पर वाराणसी में गूंजी भोले बाबा की जय जयकार

वाराणसी (जेएनएन)। सावन के प्रथम सोमवार पर बाबा काशी विश्वनाथ के दरबार में जल चढ़ाने, शीशनवाने को हजारों कांवरियें और शिव भक्तों का तांता लगा है। कांवरिया रविवार की शाम से ही शहर में डेरा डाल लिए हैं। इस बार महिला कांवरियों के साथ ही लड़कियां भी कांवर उठाएं दिखीं।

आज सावन का पहला सोमवार है इसलिए भगवान के मंदिर में सुबह 4.30 बजे ही शिव मंदिरों में जलाभिषेक करने वाले भक्तों की लंबी लंबी कताीरें देखने को मिल रही हैं। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रवेश छत्ताद्वार होना है। बाबा के दर्शन को लगायी गयी बैरेकेडिंग देर शाम होते ही भक्तों की कतार से हाउसफुल हो गया।

एक ओर गोदौलिया और दूसरी ओर नीचीबाग तक दर्शनार्थी डटे रहे। मंदिर परिसर बिल्व पत्र और फूलों की खूश्बू से आच्छादित रहा तो बाबा की भष्मी का सौंदर्य काशी में हर ओर दिखा। हर-हर महादेव से गंगा तट व काशी का कोना-कोना गुलजार है।

रविवार को ही करीब 40 हजार कांवरियों ने बाबा का दर्शन किये। गंगा तट हो या शहर का कोई भी मार्ग हर ओर बस बोल-बम, बोल-बम का नारा बुलंद रहा। कांधे पर कांवर उठाये हजारों कांवरिये काशी में विचरण करते दिखे। नजर जिधर भी जाएं आंखे केशरीयामय हो जाती। कांवरियों की उपस्थित से भोले की नगरी केशरिया रंग में ढ़ली दिखी।

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बाबा का दर्शन-पूजन करने के बाद नगर के विभिन्न शिवालयों में भी कांवरिये जल चढ़ाते दिखे। ज्यादातर कॉवरियों का जत्था पैदल ही काशी पहुंचा है। इनके साथ डीजे तो था लेकिन कानून के चलते मौन रहा।

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