विश्वविद्यालयों से कर्मचारियों की नियुक्ति का अधिकार समाप्‍त, समूह ग के पदों के लिए अब होगी लिखित परीक्षा

समूह ग की नियुक्ति का अधिकार अब विश्वविद्यालयों से पूरी तरह छिन गया है। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय व महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ प्रशासन ने रिक्त पदों की सूचना भी शासन को दे दी है। दोनों विश्वविद्यालयों में समूह ग से संबंधित करीब डेढ़ सौ पद रिक्त चल रहे हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 24 Mar 2021 08:30 AM (IST) Updated:Wed, 24 Mar 2021 08:30 AM (IST)
विश्वविद्यालयों से कर्मचारियों की नियुक्ति का अधिकार समाप्‍त, समूह ग के पदों के लिए अब होगी लिखित परीक्षा
समूह ग की नियुक्ति का अधिकार अब विश्वविद्यालयों से पूरी तरह छिन गया है।

वाराणसी, जेएनएन। समूह ग की नियुक्ति का अधिकार अब विश्वविद्यालयों से पूरी तरह छिन गया है। समूह ग के कर्मचारियों की नियुक्ति अब आयोग से होगी। इसके लिए शासन ने विश्वविद्यालयों से अधियाचन (रिक्त पदों की सूचना) भी मांगा है। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय व महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ प्रशासन ने रिक्त पदों की सूचना भी शासन को दे दी है। दोनों विश्वविद्यालयों में समूह ग से संबंधित करीब डेढ़ सौ पद रिक्त चल रहे हैं।

शासन ने विश्वविद्यालयों से अब समूह ग के पदों पर नियुक्ति के लिए अर्हता संबंधी विवरण तलब किया है ताकि समूह ग के पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी की जा सके। इस क्रम में मंगलवार को संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो. राजाराम शुक्ल की अध्यक्षता में कार्यपरिषद की आपात बैठक बुलाई गई। कार्यपरिषद ने शासन की मंशा के अनुरूप समूह ग की नियुक्ति अर्हता में संशोधन को मंजूरी दे दी। पहले विश्वविद्यालय में समूह 'ग की नियुक्ति के लिए लिखित परीक्षा के साथ-साथ साक्षात्कार भी कराया जाता था। कार्यपरिषद ने इसे संशोधित करते हुए अब सिर्फ लिखित परीक्षा के आधार पर  समूह 'ग के पदों पर नियुक्ति की अर्हता निर्धारित की है। संशोधित अर्हता यथाशाीघ्र शासन को भेजने का निर्णय लिया गया है। इसी प्रकार काशी विद्यापीठ भी समूह 'ग के पदों की नियुक्ति की अर्हता संशोधित करने की तैयारी में है। गत दिनों इस संबंध में शासन ने विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों की बैठक बुलाई थी। बैठक में कुलसचिव राज बहादुर सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे।

अगली कार्यपरिषद में होगी एसआइटी की रिपोर्ट पर चर्चा : संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में 26 मार्च को वित्त समिति की बैठक बुलाई गई है। इसमें वर्ष 2020-21 का पुनरीक्षित व वर्ष 2021-22 का अनुमानित बजट प्रस्तुत किया जाएगा। पांच अप्रैल को कार्यपरिषद की दोबारा बैठक बुलाई गई है। इसमें वित्त समिति की संस्तुतियों के अलावा परीक्षा अभिलेखों में हेराफेरी के संबंध में जारी एसआइटी की रिपोर्ट पर भी विचार होगा। एसआइटी में दस पूर्व शिक्षाधिकारियों सहित 19 कर्मचारियों पर कार्रवाई की संस्तुति की है। एसआइटी की संस्तुतियों को देखते हुए शासन ने कार्रवाई के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र लिखा है। एसआइटी की रिपोर्ट के प्रकरण में समिति गठित होने की संभावना जताई जा रही है। इस प्रकरण पर अंतिम निर्णय कुलपति प्रो. राजाराम शुक्ल ही लेना है।

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