160 किमी प्रति घंटा परिचालन के लिए रेलवे की दीवार बढ़ाएगी ट्रेनों की रफ्तार, अतिक्रमण पर भी लगाम

पीडीडीयू- गया रेल रूट पर यात्री ट्रेनों को 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाने के प्रयास शुरू हो गए हैं। ट्रेनों की गति में अवरोध उत्पन्न न हो इसके लिए रेलवे ट्रैक किनारे दीवार बनवाएगा वहीं आवाजाही वाले स्थानों पर अंडर पास बनेंगे।

By saurabh chakravartiEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 10:30 AM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 10:30 AM (IST)
160 किमी प्रति घंटा परिचालन के लिए रेलवे की दीवार बढ़ाएगी ट्रेनों की रफ्तार, अतिक्रमण पर भी लगाम
पीडीडीयू- गया रेल रूट पर यात्री ट्रेनों को 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के प्रयास शुरू हो गए हैं।

चंदौली [विवेक दुबे] । पीडीडीयू- गया रेल रूट पर यात्री ट्रेनों को 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाने के प्रयास शुरू हो गए हैं। ट्रेनों की गति में अवरोध उत्पन्न न हो इसके लिए रेलवे ट्रैक किनारे दीवार बनवाएगा वहीं आवाजाही वाले स्थानों पर अंडर पास बनेंगे। इससे अतिक्रमण पर लगाम लगेगी वहीं ट्रेनों की रफ्तार में मवेशी या कोई व्यक्ति रोडा नहीं बन सकेंगे। विभाग ने डीएफसीसी व कांट्रैक्टर  को इन कार्यों को पूरा करने की जिम्मेदारी दे दी है।

पीडीडीयू जंक्शन से गया तक 214 किलोमीटर पड़ताल शुरू हो गई है। देश के सबसे व्यस्त रेल मार्ग नई दिल्ली-हावड़ा रूट के पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से गया तक भीड़ भाड़ वाले इलाकों और दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों के आसपास ट्रैक किनारे दीवार बनेगी। दीवार न होने से अक्सर हादसे होते हैं। अभी इस रूट पर 130 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से ट्रेनें चलती हैं लेकिन आने वाले दिनों में 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से फर्राटा भरेंगी। दीवार बनने के बाद रेलवे ट्रैक पार करने में लोगों को असुविधा न हो, इसके लिए रेलवे तमाम स्थानों पर अंडर पास बनवाएगा। रेलवे का मानना है कि घनी आबादी वाले इलाकों में दीवार बन जाने से गति में रूकावट नहीं आएगी। रेलवे का सफर पूरी तरह सुरक्षित होगा।

आए दिन होते हैं हादसे, घटनाएं

आए दिन ट्रैक पर कोई न कोई ट्रेन की चपेट में आ जाता है। ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे की यह प्रस्तावित दीवार बेहद कारगर होगी। देखा गया है कि शहरी क्षेत्र से सटे इलाके में मवेशी पालन अधिक होता है। ऐसे में कभी शूकर तो कभी गाय व भैंस आदि ट्रेन से टकरा जाती हैं। इससे ट्रेनों का परिचालन भी प्रभावित हो जाता है।

मंडल के ये इलाके दुर्घटना बाहुल्य

मंडल के गंजख्वाजा, चंदौली मझवार, सैयदराजा, दुर्गावती, भभुआ, सासाराम, डेहरी सहित अन्य इलाकों के लोग रेल पटरी से महज कुछ कदम की दूरी पर ही निवास करते हैं। कुछ स्थानों पर कब्जा भी हो गया है। इन इलाकों से जब ट्रेनें गुजरती हैं तो गति धीमी हो जाती है। ऐसे में 160 की स्पीड से ट्रेनों को चलाने का लक्ष्य पूरा नहीं हो पा रहा है।

घनी आबादी वाले इलाकों में पटरी किनारे दीवार बनाई जाएगी

घनी आबादी वाले इलाकों में पटरी किनारे दीवार बनाई जाएगी। डीएफसीसी व कांट्रैक्टर को दीवार बनाने की जिम्मेदारी दी जाएगी। दीवार से अतिक्रमण व दुर्घटनाओं पर रोक लगेगी और ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी।

राजेश कुमार पांडेय, डीआरएम, पीडीडीयू मंडल

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