वरुणा के उद्धार को कमिश्नर-डीएम से लगाएंगे गुहार

वाराणसी : बदहाल वरुणा नदी के लिए शुरू हुआ जनांदोलन का दायरा बढ़ता जा रहा है। बुधवार का

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Mar 2018 02:08 AM (IST) Updated:Fri, 23 Mar 2018 02:08 AM (IST)
वरुणा के उद्धार को कमिश्नर-डीएम से लगाएंगे गुहार
वरुणा के उद्धार को कमिश्नर-डीएम से लगाएंगे गुहार

वाराणसी : बदहाल वरुणा नदी के लिए शुरू हुआ जनांदोलन का दायरा बढ़ता जा रहा है। बुधवार को कई गांवों में जहां प्रदर्शन हुआ, वहीं यह भी निर्णय लिया गया कि अब इस मसले पर ग्रामीण कमिश्नर व जिलाधिकारी से मुलाकात करेंगे। उनका प्रतिनिधि मंडल जिले के आला अफसरों को ज्ञापन सौंप वरुणा नदी की दुर्दशा को रेखांकित करेगा। नदी में पानी नहीं होने से ग्रामीणों को हो रही परेशानियों को भी उनके समक्ष रखेगा। ग्रामीणों की समस्या के समाधान के लिए ज्ञानपुर नहर के माध्यम से गंगा का पानी छोड़ने की मांग की जाएगी।

उधर, वरुणा नदी के साथ जनसमुदाय की दयनीय दशा देख आप पार्टी ने विरोध का बिगुल फूंक दिया है। इस क्रम में पार्टी ने रामेश्वर में वरुणा के किनारे ग्रामीणों को लेकर प्रदर्शन किया। आम आदमी पार्टी (श्रमिक विकास संगठन) के जिला प्रभारी प्रमोद पांडेय, राष्ट्रीय परिषद सदस्य और पर्यवेक्षक देवकांत वर्मा व ग्रामीण प्रवक्ता अरुण तिवारी के नेतृत्व में हुई बैठक में जिला प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि ज्ञानपुर नहर से वरुणा में शीघ्र पानी नहीं छोड़ा गया तो जनांदोलन जारी रहेगा। वरुणा घाट पर प्रमुख रूप से ईश्वर सिंह, विजयनाथ पांडेय, पप्पू सिंह, जुबेर खान, प्रमोद श्रीवास्तव, हारून अंसारी, दिलीप पांडेय व चुलबुल पांडेय सहित कई गांवों के ग्रामीण शामिल थे। प्रधान संघ अध्यक्ष हरहुआ गोविंद पटेल, ग्राम प्रधान पिसौर नंदलाल व बीडीसी पूर्व गनेश राजभर ने वरुणा बचाओ संकल्प के साथ नदी में खड़े होकर पानी छोड़ने की गुहार लगाई। पंच शिवाला चौराहा रामेश्वर में प्रधान रतनलाल यादव, हिटलर सिंह, गौतम सिंह, प्रधान कैलाश यादव, पूर्व प्रधान मधुवन यादव, प्रधान संजय यादव व प्रधान चक्का दिनेश गोंड ने वरुणा में पानी की कमी के लिए जिला प्रशासन को दोषी ठहराते हुए तत्काल नदी में जलभराव की माग की।

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महिलाओं ने भी किया प्रदर्शन

जनकवि धूमिल के गाव में वरुणा तट पर पर्यावरण व जल संरक्षण प्रेमी मनीष पटेल और विजय कुमार उर्फ कवि के नेतृत्व में महिलाओं ने जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। इसमें प्रमुख रूप से छोटू, भरत, रवि, आकाश, धर्मेंद्र व पुष्पा सहित कई महिलाएं शामिल थीं।

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बोले ग्रामीण आदि गंगा वरुणा ग्रामीणों की जीवन रेखा हैं। इंसानों संग जीव-जंतुओं, वनस्पतियों का जीवन भी इसी नदी पर आधारित है। इसलिए इनका अस्तित्व बचाना जरूरी है।

डा. राजेश कुमार

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वरुणा नदी की प्राचीनता और महत्व को देखते हुए इसकी अविरलता वापस मिले, ताकि ग्रामीणों के साथ ही जीव-जंतुओं को भी गर्मी में राहत मिले।

रामप्रसाद

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धार्मिक धरोहर को बचाने के लिए जगह- जगह बंधी बनाकर पंचकोशी यात्रियों को वरुणा से जल मुहैया कराया जाए। वरुणा नदी ही नही वह जीवनधारा है।

राम गोपाल चौरसिया

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