आजमगढ़ की जिया को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल शक्ति पुरस्कार, राष्ट्रीय बालिका दिवस पर प्रधानमंत्री ने किया बखान

गणतंत्र दिवस से दो दिन पूर्व प्रधानमंत्री के हाथों सम्मानित होकर जिया राय और उनके माता-पिता की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। वहीं आजमगढ़ जनपद के लोग भी अपने को गौरवान्वित कर रहे हैं। जिले भर में जिया की सफलता से लोग और परिवारीजन काफी खुश हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Mon, 24 Jan 2022 03:22 PM (IST) Updated:Mon, 24 Jan 2022 05:32 PM (IST)
आजमगढ़ की जिया को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल शक्ति पुरस्कार, राष्ट्रीय बालिका दिवस पर प्रधानमंत्री ने किया बखान
जिया की सफलता से जिले के लोग और परिवारीजन काफी खुश हैं।

आजमगढ़, जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्रीय बालिका दिवस पर पैरा ओपन स्वीमिंग में इतिहास रचने वाली आजमगढ़ की बिटिया जिया राय को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया। कोरोना के कारण पहली बार ब्लाक चेन टेक्नालाजी के माध्यम से प्रधानमंत्री ने जिया राय को एक लाख रुपये नकद और प्रशस्ति प्रदान किया। गणतंत्र दिवस से दो दिन पूर्व प्रधानमंत्री के हाथों सम्मानित होेकर जिया राय और उनके माता-पिता की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। वहीं, आजमगढ़ जनपद के लोग भी अपने को गौरवान्वित कर रहे हैं। जिले भर में जिया की सफलता से लोग और परिवारीजन काफी खुश हैं। 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दिन में 11.30 बजे बाल खेल प्रतिभाओं से मुखाबित हुए। हालांकि प्रधानमंत्री ने बच्चों से बात नहीं की लेकिन उनका बाल प्रतिभाओं के नाम संबाेधित वीडियो काफी प्रभावी रहा। मुुंबई के कलेक्ट्रेट भवन में प्रधानमंत्री का संबाेधन सुनने के लिए जिया राय के साथ उनके पिता मदन राय व माता रत्ना राय मौजूद रहीं। आजमगढ़ की तहसील सगड़ी के अलाउद्दीनपुर निवासी राष्ट्रीय तैराकी में तीन वर्ष लगातार प्रथम स्थान प्राप्त करने वालीं जिया राय के नाम का जिक्र वीडियो में आते ही माता-पिता की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। प्रधानमंत्री ने कहा कि बाल प्रतिभाओं में खासकर इस बार 29 में 14 बालिकाएं हैं, इसलिए राष्ट्रीय बालिका दिवस का सम्मान और भी बढ़ जाता है।

उन्होंने कहा कि इसरो के प्रोजेक्ट गगनयान में विज्ञानियों की टीम के साथ अधिकतर महिलाएं ही जाती हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि बालिकाओं को जब भी मौका मिला, उन्होंने अपनी प्रतिभा हर क्षेत्र में साबित करके दिखाया है। कहा कि पढ़ाई-लिखाई साथ खेल भी बहुत जरूरी है। प्रधानमंत्री ने देश के विभिन्न क्षेत्रों के पुरस्कार पाने वाले बाल प्रतिभाओं के साथ ही उन्हें भी प्रोत्साहित किया जिनके नाम सम्मान के लिए प्रस्तावित किए गए थे, लेकिन पुरस्कार से वंचित हो गए। 

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