योजना : बनारस को मिला 45 करोड़ का 'प्रसाद', दस करोड़ की धनराशि जारी
वाराणसी के समेकित विकास के लिए केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रसादÓ के फेज दो के तहत 44.60 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं।
वाराणसी, जेएनएन। वाराणसी के समेकित विकास के लिए केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'प्रसाद' के फेज दो के तहत 44.60 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं। पर्यटन विभाग ने 62.81 करोड़ का डीपीआर केंद्र के पास भेजा था, इसमें कुछ काम विभिन्न कारणों से हटा कर यह धनराशि तय हुई है। इससे शहर में सड़क, फुटपाथ और घाटों पर लाइटिंग आदि के काम कराए जाएंगे। प्राथमिक धनराशि के रूप में दस करोड़ रुपये जारी भी कर दिए गए हैं। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने फरवरी 2018 में इसका शासनादेश जारी किया था। इसके बाद कुछ अड़चनों के चलते इसमें देरी होती गई। लगभग तीन महीने पहले पर्यटन विभाग ने डीपीआर तैयार करा कर केंद्र के पास भेज दिया था। इसमें संशोधन के बाद पर्यटन मंत्रालय ने करीब 45 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है। अब शीघ्र कार्यदायी संस्था से काम शुरू करा दिया जाएगा। शासन की मंशा है कि प्रवासी भारतीय सम्मेलन के दौरान इस काम की झलक देखी जा सके। इसके पहले प्रसाद योजना के तहत 22 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।
योजना में होने वाले प्रमुख कार्य- गोदौलिया से दशाश्वमेध तक सड़क व फुटपाथ निर्माण-8.73 करोड़। शहर व घाटों पर लाइटिंग-16 करोड़। घाटों पर आडियो सिस्टम- चार करोड़। पंचकोशी परिक्रमा मार्ग-7 करोड़। अस्सी घाट पर निर्माण कार्य-10 करोड़।
''केंद्र की मंशा के अनुसार पर्यटन को बढ़ावा देने की पूरी कोशिश की जा रही है। यहां इसकी अपार संभावना है। प्रसाद फेज दो के तहत डीपीआर को मंजूरी से बनारस की सुंदरता में चार चांद लगेंगे।''- अविनाश चंद्र मिश्र, संयुक्त निदेशक, पर्यटन विभाग, वाराणसी।
''प्रसाद योजना के फेज दो के तहत बनारस में होने वाले कामों की झलक प्रवासी भारतीय दिवस के दौरान दिखाई जाएगी। लाइटिंग होने के बाद घाटों की सुंदरता में और निखार आएगा।''- कीर्तिमान श्रीवास्तव, पर्यटन अधिकारी, वाराणसी।