वाराणसी में मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के फ्लीट का वीडियो बनाने वाले का पुलिस ने किया चालान, थाने में पूछताछ

मुख्यमंत्री के वाराणसी भ्रमण के दौरान सर्किट हाउस के पास सुरक्षा घेरे को तोड़कर उनके फ्लीट की वीडियो रिकार्डिंग करने वाले सचिन रंजन का पुलिस ने शांति भंग की आशंका में चालान किया है। लंबी चली पूछताछ के दौरान पुलिस को कुछ खास नहीं मिला।

By devendra nath singhEdited By: Publish:Sun, 02 Oct 2022 08:12 PM (IST) Updated:Sun, 02 Oct 2022 08:12 PM (IST)
वाराणसी में मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के फ्लीट का वीडियो बनाने वाले का पुलिस ने किया चालान, थाने में पूछताछ
वाराणसी में मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के फ्लीट का वीडियो बनाने वाले का पुलिस ने किया चालान

जागरण संवाददाता, वाराणसी : मुख्यमंत्री के वाराणसी भ्रमण के दौरान सर्किट हाउस के पास सुरक्षा घेरे को तोड़कर उनके फ्लीट की वीडियो रिकार्डिंग करने वाले सचिन रंजन का पुलिस ने शांति भंग की आशंका में चालान किया है। लंबी चली पूछताछ के दौरान पुलिस को कुछ खास नहीं मिला।

कैंट थाने में उसके साथ पुलिस व इंटेलिजेंस ने देर तक पूछताछ की। पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश भी रविवार को पूछताछ के लिए कैंट थाने पहुंचे थे। वह खुद को पांडेयपुर के नई बस्ती का रहने वाला सचिन रंजन बताता रहा। पुलिस ने वहां परिवार से भी संपर्क किया तो उसके बारे में और जानकारी मिली।

स्वजनों ने बताया कि कुछ वर्ष पहले जौनपुर में उसके भाई की हत्या कर दी गई थी। इसके चलते वह मानसिक दबाव में रहता है। पढ़ने-लिखने में अच्छा है लेकिन कई बार ऐसी बातें व हरकत करता है जिससे परेशानी में पड़ जाता है। उसके दिल्ली के एक न्यूज पोर्टल से जुड़े होने की जानकारी भी मिली। पुलिस ने लंबी चली पूछताछ और जांच पड़ताल के बाद कुछ खास गड़बड़ी नहीं मिलने पर शांति भंग की आशंका में उसका चालान कर दिया।

बता दें कि शनिवार की सुबह सर्किट हाउस से मुख्यमंत्री की फ्लीट निकलने के दौरान सचिन उसका व सर्किट हाउस का वीडियो बना रहा था। पुलिसकर्मियों ने रोका तो खुद को सीबीसीआईडी का इंस्पेक्टर बताकर उन्हें अरदब में लेने लगा।

एक परिचय पत्र पर मिला था जिस पर क्राइम इंवेस्टीगेशन डिपार्टमेंट लिखा था

संदेह होने पर उसे पकड़कर पुलिस कैंट थाने लाई। कई बार पूछताछ पर उसने खुद को घनश्याम पीजी कालेज का छात्र व दिल्ली के एक न्यूज पोर्टल से जुड़ा हुआ बताया। उसके पास से एक परिचय पत्र पर मिला था जिस पर क्राइम इंवेस्टीगेशन डिपार्टमेंट लिखा था।

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