वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन का प्लेटफार्म संख्‍या पांच बनेगा वाशेबल, मिल गई अनुमति Varanasi news

कैंट रेलवे स्टेशन का प्लेटफार्म नंबर पांच वाशेबल (धोने योग्य) बनेगा। स्टेशन प्रशासन अनुमति मिलते ही निर्माण की कवायद में जुट गया है।

By Edited By: Publish:Sat, 31 Aug 2019 02:00 AM (IST) Updated:Sat, 31 Aug 2019 09:21 AM (IST)
वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन का प्लेटफार्म संख्‍या पांच बनेगा वाशेबल, मिल गई अनुमति Varanasi news
वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन का प्लेटफार्म संख्‍या पांच बनेगा वाशेबल, मिल गई अनुमति Varanasi news

वाराणसी, जेएनएन। कैंट रेलवे स्टेशन का प्लेटफार्म नंबर पांच वाशेबल (धोने योग्य) बनेगा। स्टेशन प्रशासन अनुमति मिलते ही निर्माण की कवायद में जुट गया है। एक पखवाड़े का मेगा ब्लाक मिलने से रेल प्रशासन सात जोड़ी मेल-एक्सप्रेस एवं सात जोड़ी पैसेंजर ट्रेनों को निरस्त कर दिया है। गुरुवार को प्लेटफार्म नंबर पांच का ट्रैक धंस जाने से श्रमजीवी एक्सप्रेस 40 मिनट तक खड़ी रही थी। अपर मंडल रेल प्रबंधक रवि चतुर्वेदी ने बताया कि वाशिंग एप्रान बनने से स्वच्छता को भी बल मिलेगा। निर्माण कार्य के दौरान करीब एक पखवाड़े तक उक्त प्लेटफार्म पर ब्लाक रहेगा।

ट्रेनों का परिचालन बेपटरी न हो इसके लिए सियालदह-आनंद विहार, सियालदह-वाराणसी, वाराणसी-गोंडा, बरौनी-अंबाला कैंट, बरौनी-गोंडा, मालदा टाउन-दिल्ली, दिल्ली-मालदा टाउन, बरकाकाना-वाराणसी, दीनदयाल नगर-फैजाबाद, मुगलसराय-जौनपुर, बनारस, दीनदयाल नगर-वाराणसी, बक्सर-मंडुआडीह, आसनसोल जंक्शन-बनारस, प्रयागराज-गाजीपुर सिटी को निरस्त कर दिया गया है। इसके अलावा लोकमान्य तिलक टर्मिनल-वाराणसी को इलाहाबाद, सिंगरौली-वाराणसी, वाराणसी-लखनऊ, वाराणसी-पटना जंक्शन, गाजीपुर सिटी-वाराणसी को मंडुआडीह में टर्मिनेट कर वहीं से चलाया जाएगा।

रेलवे में सुरक्षा के एक लाख पद रिक्त : एनएफआइआर के संयुक्त महामंत्री व यूआरएमयू के महामंत्री बीसी शर्मा ने कहाकि रेलवे में ढाई लाख पद खाली है। इसमें सुरक्षा के एक लाख पद शामिल है। सरकार को चाहिए कि यात्रियों के सुरक्षित सफर के लिए सुरक्षा से जुड़े पदों पर नियुक्ति करे। इसके बावजूद रेलकर्मी पसीना बहाकर लाखों को लोगों को उनकी मंजिल तक पहुंचा रहा है। वाराणसी दौरे पर आए बीसी शर्मा कैंट रेलवे स्टेशन के रिटाय¨रग रूम में शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहाकि केंद्र सरकार कर्मचारियों की सराहना करने के बजाय परेशान करने पर तुली हुई है। अलबत्ता सौ दिनों के प्लान में मंत्रालय रेलवे को निगमीकरण की ओर ले जा रही है। एक ओर सरकार रेलवे की इकाइयों को फायदे में बता रही तो दूसरी ओर ईमानदार कर्मियों के साथ कुचक्र भी रच रही है। लेकिन हमारे रहते ऐसा नहीं होगा, हमने कुछ इकाइयों का दौरा भी किया है। कर्मचारी अस्मिता की लड़ाई लड़ने को एकजुट हैं। वार्ता के समय सुभाष श्रीवास्तव, विध्यवासिनी यादव, गजेंद्र सिंह, चंद्रशेखर यादव, डीपी यादव, रत्‍‌नेश श्रीवास्तव मौजूद रहे।

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