कोविड-19 के मुख्य शोधकर्ता प्रोफेसर डा. सजंय राय को लेकर इतरा रहे बलिया के लोग

कोरोना के स्वदेशी वैक्सीन कोवाक्सिन के मख्य शोधकर्ता डॉ. संजय राय बलिया के निवासी हैं। इस बात की जानकारी होने पर बलिया के लोगों में भी खुशी है

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 23 Jul 2020 05:18 PM (IST) Updated:Thu, 23 Jul 2020 05:18 PM (IST)
कोविड-19 के मुख्य शोधकर्ता प्रोफेसर डा. सजंय राय को लेकर इतरा रहे बलिया के लोग
कोविड-19 के मुख्य शोधकर्ता प्रोफेसर डा. सजंय राय को लेकर इतरा रहे बलिया के लोग

बलिया, जेएनएन। कोरोना के स्वदेशी वैक्सीन कोवाक्सिन के मख्य शोधकर्ता डॉ. संजय राय बलिया के निवासी हैं। इस बात की जानकारी होने पर बलिया के लोगों में भी खुशी है। स्थानीय तहसील के लीलकर गांव के निवासी शोधकर्ता ग्रामीण इलाकों से पढ़ाई कर इस ऊंचाई को हासिल किए हैं। उन्होंने गांधी इंटर कालेज सिकंदरपुर से हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा पास करने के बाद गणेश शंकर मेमोरियल मेडिकल कालेज कानपुर से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की है। इसके बाद काशी हिंदू विश्वविद्यालय से एमडी की पढ़ाई पूरी की।

वर्ष 2003 में उनकी नियुक्ति एम्स दिल्ली में हो गई। वे आज एम्स में प्रोफेसर होने के साथ ही भारतीय पब्लिक हेल्थ एसोसिएशन (आइफा) के अध्यक्ष भी हैं। उन्हें भारत सरकार ने कोविड-19 के स्वदेशी वैक्सीन कोवाक्सिन के ट्रायल हेतु मुख्य अनुसंधान कर्ता बनाया है। इससे उनके गांव सहित जनपद के लोग काफी खुश हैं। स्वदेशी कोरोना वैक्सीन पर मानव परीक्षण का काम भी शुरू हो गया है। यदि यह वैक्सीन सफल होती हैं तो बलिया के इतिहास में डॉ. संजय का भी एक नाम होगा।

जिले के नाम पर ही एम्स में करते हैं सहयोग

उनके पिता इंजीनियर रहे चंद्रभूषण राय ने बताया कि डॉ. सजंय राय शुरू से ही पढ़ाई में तल्लीन रहे, उन्हें पढऩे के अलावा बचपन से ही किसी अन्य कार्य में रुचि नहीं रही। जब भी आते हैं गांव व क्षेत्र के लोगों से सामान्य व्यक्ति की तरह ही मिलते हैं। जो व्यक्ति इलाज कराने एम्स में भी जाता है और मुलाकात हो गई तो जिले के नाम पर ही सहयोग करते रहते हैं।

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