पंडित दीनदयाल उपाध्याय पीठ ने किया सात पुस्तकों का प्रकाशन, बीएचयू में किया गया आयोजन

पं. दीनदयाल उपाध्याय पीठ काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने सात पुस्तकों का प्रकाशन किया है। शनिवार को इन पुस्तकों का लोकार्पण काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वीके शुक्ला ने किया। ये सभी पुस्तकें पं. दीनदयाल उपाध्याय के चिंतन और उनके चिंतन के दार्शनिक आधारों पर है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sat, 09 Oct 2021 06:19 PM (IST) Updated:Sat, 09 Oct 2021 06:19 PM (IST)
पंडित दीनदयाल उपाध्याय पीठ ने किया सात पुस्तकों का प्रकाशन, बीएचयू में किया गया आयोजन
पं. दीनदयाल उपाध्याय पीठ, काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने सात पुस्तकों का प्रकाशन किया है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। पं. दीनदयाल उपाध्याय पीठ, काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने सात पुस्तकों का प्रकाशन किया है। शनिवार को इन पुस्तकों का लोकार्पण काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वीके शुक्ला ने किया। ये सभी पुस्तकें पं. दीनदयाल उपाध्याय के चिंतन और उनके चिंतन के दार्शनिक आधारों पर है। इन सभी पुस्तकों का संकलन, लेखन और संपादन सामाजिक विज्ञान संकाय के संकायाध्यक्ष और पं. दीनदयाल उपाध्याय पीठ के प्रभारी प्रोफेसर कौशल किशोर मिश्र ने किया है।

उन्होंने बताया कि इन पुस्तकों में ‘पं. मदन मोहन मालवीय के चिंतन का अध्ययन’ महत्वपूर्ण है। प्रो. मिश्र ने बताया कि पं. दीनदयाल उपाध्याय के चिंतन पर पं. मदन मोहन मालवीय चिंतन का प्रभाव देखा जा सकता है। पं. दीनदयाल उपाध्याय ने महामना के सांस्कृतिक अवधारणा को स्वीकार किया है। दूसरी महत्वपूर्ण पुस्तक ‘सनातन हिन्दू धर्म और इथिक्स’ है। इस पुस्तक को 1916 में पं. मदन मोहन मालवीय और डा. एनीबेसेंट ने विद्यार्थियों के लिये कोर्स वर्क के रुप में तैयार कराया था।

सेन्ट्रल हिन्दू कालेज के विद्यार्थियों के लिये सनातन हिन्दू धर्म अनिवार्य विषय के रुप में था। 1916 में जब काशी हिन्दू विश्वविद्यालय का निर्माण हुआ तब यह पुस्तक विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिये भी अनिवार्य किया गया। इस पुस्तक में महामना और एनीबेसंट ने सनातन धर्म के प्रति सभी भ्रमों का निवारण किया है। पं. दीनदयाल उपाध्याय के ‘थेकृतिक राष्ट्रवाद’ का प्रकाशन महत्वपूर्ण है। इस विषय पर विद्यार्थियों के लिये कोई पुस्तक नहीं थी। प्रो. मिश्र ने कुलपति प्रो. वी. के शुक्ल को इस सभी तथ्यों से अवगत कराया। कार्यक्रम में प्रो. केशव मिश्र, विभागाध्यक्ष, इतिहास विभाग, प्रो. मृत्युंजय मिश्रा, निदेशक, नेपाल अध्ययन केन्द्र, रामेश्वर मिश्र, विजय कुमार, शुभम मिश्र, पंतजलि पाण्डेय, प्रो. मनोज मिश्र काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सूचना अधिकारी आदि शामिल थ्ो। पुस्तक लोकार्पण समारोह में कुलपति जी का सम्मान किया गया।

प्रकाशित पुस्तकें

1. एकात्म मानव दर्शन पर दत्तोपन्त ठेंगड़ी,

2. भारत में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद: पं. दीनदयाल उपाध्याय के सन्दर्भ में,

3. पं. दीनदयाल उपाध्याय का सांस्कृतिक चिंतन,

4. पं. दीनदयाल उपाध्याय के आदर्श पुरुष माधव सदाशिव गोलवरकर का राजनीतिक चिंतन,

5. पं. दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्र गौरव के प्रति दृष्टिकोण,

6. भारत रत्न महामना पं. मदन मोहन मालवीय जी के चिंतन का अध्ययन,

7. सनातन हिन्दू धर्म और इथिक्स

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