UP Lok Sabha Elections: मतदान से वंचित मतदाता अब लोकसभा चुनाव में डाल सकेंगे टेंडर वोट, जानिए क्या हैं प्रोसेस
चुनाव के दौरान कभी-कभार देखने को मिलता है कि मतदाता के पहुंचने पर पता चलता है कि उसका मत तो पहले से ही पड़ चुका है। ऐसी स्थिति में जानकारी के अभाव में मायूस होकर लौटना पड़ता है। अब निराश होने की जरूरत नहीं है अब आपका मत पड़ चुका है और आपने वास्तव में मतदान नहीं किया है तो निविदत्त मत से मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेगा।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर। चुनाव के दौरान कभी-कभार देखने को मिलता है कि मतदाता के पहुंचने पर पता चलता है कि उसका मत तो पहले से ही पड़ चुका है। ऐसी स्थिति में जानकारी के अभाव में मायूस होकर लौटना पड़ता है।
अब निराश होने की जरूरत नहीं है, अब आपका मत पड़ चुका है और आपने वास्तव में मतदान नहीं किया है तो, निविदत्त मत (टेंडर वोट) से मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेगा। हालांकि 2019 के चुनाव में एक भी टेंडर वोट नहीं पड़ा था।
ईवीएम में नहीं पड़ता टेंडर वोट
चुनाव के दौरान पीठासीन अधिकारी संबंधित की जांच के बाद संतुष्ट होने पर ऐसे मतदाता को टेंडर वोट के माध्यम से मतदान देने की अनुमति प्रदान कर सकता है। हालांकि टेंडर वोट ईवीएम में नहीं पड़ता है। मतदाता मतपत्र पर अपना वोट देता है। जिले में 18,97,805 मतदाता हैं। इसमें से 9,94,546 पुरुष और 9,03,154 महिला मतदाता हैं। 105 थर्ड जेंडर और 13236 दिव्यांग मतदाता भी हैं।
लोकसभा चुनाव के निर्वाचन क्षेत्र में 2143 मतदेय स्थल और 1352 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। निर्वाचन क्षेत्र 20 जोन और 188 सेक्टर में बांटा गया है। विधानसभा छानबे चार जोन व 34 सेक्टर, मीरजापुर तीन जोन व 40 सेक्टर, मझवां तीन जोन व 41 सेक्टर, चुनार पांच जोन व 35 सेक्टर तथा मड़िहान पांच जोन व 38 सेक्टर में बांटा गया है।
मतदान बढ़ाने के लिए प्रेरित कर रही जिला निर्वाचन अधिकारी
लोकसभा चुनाव वर्ष 2009 में 52.18 प्रतिशत, वर्ष 2014 में 58.59 मतदान तथा वर्ष 2019 में 60.12 प्रतिशत मतदान हुआ था। लगातार तीन बार के चुनाव में मतदान प्रतिशत में उत्तरोत्तर बढ़ोतरी हो रही। जिला निर्वाचन अधिकारी प्रियंका निरंजन द्वारा मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।