भदोही में 28 दिन बाद भी 26 केंद्रों पर नहीं हुई धान की खरीद, पसरा रहा सन्नाटा

हाड़-तोड़ मेहनत कर फसल उपजाने वाले अन्नदाता को उनके उपज का वास्तविक मूल्य दिलाने के लिए धान खरीद को बनाए गए 50 में से 26 क्रय केंद्रों पर 28 दिन बाद भी बोहनी नहीं हो सकी। विपणन विभाग के आठ केंद्रों पर किसानों की लंबी कतार लग रही है।

By saurabh chakravartiEdited By: Publish:Thu, 12 Nov 2020 05:47 PM (IST) Updated:Thu, 12 Nov 2020 05:47 PM (IST)
भदोही में 28 दिन बाद भी 26 केंद्रों पर नहीं हुई धान की खरीद, पसरा रहा सन्नाटा
26 केंद्रों पर लक्ष्य के सापेक्ष 3,000 टन खरीद हो चुकी है।

भदोही, जेएनएन। हाड़-तोड़ मेहनत कर फसल उपजाने वाले अन्नदाता को उनके उपज का वास्तविक मूल्य दिलाने के लिए धान खरीद को बनाए गए 50 में से 26 क्रय केंद्रों पर 28 दिन बाद भी बोहनी नहीं हो सकी। विपणन विभाग के आठ केंद्रों पर किसानों की लंबी कतार लग रही है। अब तक 26 केंद्रों पर लक्ष्य के सापेक्ष 3,000 टन खरीद हो चुकी है।

भरपूर मेहनत के बाद भी किसानों को उनके उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पाता। किसान औने-पौने दाम पर बिचौलियों अथवा व्यापारियों को उत्पादन बेचने के लिए मजबूर होते हैं। शासन की ओर से 15 अक्टूबर  से धान खरीद का शुभारंभ कर जनपद के सभी केंद्र प्रभारियों को सख्त निर्देश जारी किया गया था। साथ ही कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए शारीरिक दूरी का पालन कराते हुए खरीद सुनिश्चित करने को कहा गया था। जिले में विपणन विभाग के साथ ही साथ अन्य एजेंसियों के  50 केंद्र खोले गए हैं। इसमें से 26 केंद्रों पर अभी तक खरीद शुरू नहीं हो सकी है। जिला विपणन अधिकारी श्याम कुमार मिश्र ने केंद्र प्रभारियों को नोटिस जारी कर शीघ्र ही खरीद शुरू करने का निर्देश दिया है।

धान पिटाई कर अनाज घरों में लाने में जुटे किसान धान की मड़ाई को इन दिनों किसानों में बेताबी दिख रही है। इसे देखते हुए किसान जल्द से जल्द मड़ाई कर उपज को घर तक पहुंचाने में जी जान से जुटे हुए हैं। महंगे खाद-बीज के रूप में भारी भरकम लागत के साथ हाड़तोड़ मेहनत कर किसानों द्वारा बोई गई धान फसल तैयार हो चुकी है। धान की कटाई व पिटाई का कार्य भी शुरू हो चुका है। अब तक करीब 70 फीसद किसान पिटाई कर चुके हैं।

किसानों का 50 लाख रुपये बकाया

खरीद केंद्रों पर धान बेचने के बाद भी किसानों का भुगतान नहीं हो रहा है। विपणन विभाग ने 291 किसानों से खरीद की है। इसके सापेक्ष 1.15 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। शासनादेश के मुताबिक 72 घंटे के अंदर किसानों का भुगतान किया जाना चाहिए।  इसके अलावा पीसीएफ ने 19, नेफेड आठ, एनसीसीएफ 11 और एफसीआइ आठ किसानों से खरीद की है। इन एजेंसियोङ्क्ष की ओर से अभी तक 50 लाख रुपये का भुगतान नहीं किया गया है। किसान भुगतान के लिए चक्कर काट रहे हैं।

खुले बाजार में कम मिल रहा है दाम

किसानों को खुले बाजार में महज 14,00 से लेकर 15,00 रुपये तक ही मिल रहा है जबकि सरकारी भाव इससे 200 रुपये अधिक है। सरकारी केंद्रों पर किसानों को 1668 रुपये प्रति ङ्क्षक्वटल मिल रहा है। इसी कारण से किसान अपना उपज केंद्रों पर ही बेचना चाह रहे हैं।

35,000 हेक्टअर में हुई थी धान की रोपाई

जिले में 35,000 हेक्टेअर क्षेत्रफल में धान की रोपाई हुई थी। पिछले वर्ष  रिकार्ड 1.10 लाख टन धान की खरीद हुई थी। डीडी कृषि अरविंद कुमार सिंह का दावा है कि इस बार धान की खेती बहुत ही शानदार है। उत्पादन भी पिछले वर्ष के सापेक्ष अधिक है।

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