अधिकारियों ने आधा-अधूरा जवाब देकर सदन की बजट बैठक में विस्तार से देने का किया वादा
लगभग आधा घंटा तक इस पर आपस में चर्चा के बाद भी अधिकारियों ने आधा-अधूरा जवाब देकर इसे सदन की बजट बैठक में विस्तार से देने का वादा किया।
वाराणसी, जेएनएन। नगर निगम कार्यकारिणी की बजट बैठक के दूसरे दिन अधिकारी 45.26 लाख के खर्च का हिसाब नहीं दे पाए। लगभग आधा घंटा तक इस पर आपस में चर्चा के बाद भी अधिकारियों ने आधा-अधूरा जवाब देकर इसे सदन की बजट बैठक में विस्तार से देने का वादा किया।
इसके बाद लगभग ढाई घंटे चर्चा के बाद कार्यकारिणी ने नगर निगम व जलकल के 7.18 अरब के बजट को मंजूरी दे दी। कार्यकारिणी ने नगर निगम प्रशासन के 5.74 अरब और जलकल के 1.44 अरब के बजट को मंजूरी दी। अब यह सदन में मंजूरी को रखा जाएगा। जलकल के बजट पर चर्चा के दौरान पार्षदों ने सीवर व्यवस्था ठीक न करने पर महाप्रबंधक को आड़े हाथ लिया। जलकल सचिव रघुवेंद्र कुमार ने कहा कि सीवर ओवरफ्लो की शिकायत 48 घंटे में दूर करने का लक्ष्य रखा है। निर्धारित समय में शिकायत दूर न होने पर ठीकेदारों पर पेनाल्टी लगाई जा रही है। महाप्रबंधक नीरज गौड़ ने बताया कि सीवर सफाई को तीन बड़ी जेटिंग मशीन व दो मैजिक वाहन खरीदे जाएंगे। इस पर 2.50 करोड़ रुपये खर्च होगा। महापौर मृदुला जायसवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में नगर निगम के अधिकारियों संग उपसभापति नरसिंह दास, राजेश यादव चल्लू, पूर्णमासी गुप्ता, शिव प्रकाश मौर्य, सीताराम केसरी, मनोज यादव, बबलू शाह आदि लोग उपस्थित थे। - सरचार्ज माफी समय बढ़ाने से इन्कार जलकल पर चर्चा के दौरान सदस्यों के सरचार्ज माफी के समय को और बढ़ाने के सुझाव को महापौर ने खारिज कर दिया। कहा कि अब तक दो बार योजना लागू की जा चुकी है। ऐसे में दोबारा नहीं बढ़ाया जा सकता। वसूली में लापरवाही को लेकर जलकल के अफसरों को आड़े हाथ लिया।
सीवर सफाई पर चर्चा के दौरान नगर आयुक्त गौरांग राठी ने सदस्यों से अपने क्षेत्र में तीन-तीन सफाई कर्मी रखने का प्रस्ताव रखा। इसे कार्यकारिणी सदस्यों ने खारिज कर दिया। उनका कहना था कि जलकल प्रशासन नाकामी पार्षदों पर थोपना चाहता है। इसलिए जलकल व्यवस्था को संभाले। भाजपा के कार्यकारिणी सदस्य राजेश यादव चल्लू ने स्वास्थ्य मद में बजट दस लाख रखने पर सवाल उठाया। कहा कि विश्व में कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए एक करोड़ किया जाए। नगर आयुक्त ने कहाकि यह राष्ट्रीय समस्या है। बजट व खर्च का जिम्मा केंद्र सरकार का है। इस पर एनडीआरएफ काम भी कर रहा है।