फरार पूर्व ब्लाक प्रमुख का सुराग नहीं, छह सिपाही सस्पेंड, मुंबई पुलिस के तीन आरक्षी गिरफ्तारी

मुंबई पुलिस की कस्टडी से फरार मार्टीनगंज के पूर्व ब्लाक प्रमुख ठाकुर मनोज सिंह का सुराग 24 घंटे बाद भी नहीं लग सका है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 13 Feb 2020 09:20 AM (IST) Updated:Thu, 13 Feb 2020 10:00 AM (IST)
फरार पूर्व ब्लाक प्रमुख का सुराग नहीं, छह सिपाही सस्पेंड, मुंबई पुलिस के तीन आरक्षी गिरफ्तारी
फरार पूर्व ब्लाक प्रमुख का सुराग नहीं, छह सिपाही सस्पेंड, मुंबई पुलिस के तीन आरक्षी गिरफ्तारी

आजमगढ़, जेएनएन। मुंबई पुलिस की कस्टडी से फरार मार्टीनगंज के पूर्व ब्लाक प्रमुख ठाकुर मनोज सिंह का सुराग 24 घंटे बाद भी नहीं लग सका है। ऐसे में फरार अभियुक्त पर शिकंजा कसते हुए एसपी ने उसकी गिरफ्तार के लिए 25 हजार रुपये का इनाम घोषित करते हुए तीन टीमें गठित की हैं। अभियुक्त की सुरक्षा में लगे छह पुलिसकर्मियों को निलंबित करते हुए गिरफ्तार तीन  तीन सिपाहियों को कोर्ट में पेश किया गया।

मार्टीनगंज के आमगांव निवासी ठाकुर मनोज सिंह मुंबई के केंद्रीय कारागार में बंद था। उसे करोड़ों रुपये के जालसाजी के केस में गिरफ्तार किया गया था। सोमवार को वाराणसी कोर्ट में पेशी के लिए आया तो मां को कैंसर होने की बात बताते हुए मुलाकात के बहाने से सिपाहियों को झांसे में लेकर मंगलवार को अपने घर आ पहुंचा। आवभगत में पुलिसकर्मी उलझे तो मनोज चकमा देकर भाग निकला। चूंकि उसकी सुरक्षा में लगे छह आरक्षियों में तीन ही उसे आजमगढ़ लेकर आए थे, लिहाजा सभी के खिलाफ केस दर्ज करने के बावजूद तीन को ही गिरफ्तार कर सकी। गिरफ्तार पुलिसकर्मियों में आरक्षी एपीआइ गजानन, एचसी रामभाऊ चकोर व पीसी बालु महाजन हैं। अहम कि आरक्षी एसपीआइ गजानन की तहरीर पर केस दर्ज किया गया। एसपी प्रोफेसर त्रिवेणी सिंह ने बताया कि  मुंबई के पुलिस अधिकारियों ने सभी छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। गिरफ्तार आरक्षियों के इतर तीनों आरक्षी अनिल महाजन, संदीप सिंदे, अविनाश नागरे के खिलाफ रिपोर्ट भेजी गई है। दीदारगंज थानाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह ने बुधवार की दोपहर को सीजेएम की अदालत में पेश किया।

ठाकुर मनोज की क्राइम हिस्ट्री

पूर्व ब्लाक प्रमुख ठाकुर मनोज सिंह का विवादों से पुराना नाता है। कभी जालसाजी तो कभी जरामय से जुड़े दूसरे अपराध के कारण सुखियों में रहा। उसके खिलाफ 16 केस जिले एवं गैर जिलों के थानों में दर्ज हैं। वर्ष 2010 में दीदारगंज थाना में मारपीट का पहला केस दर्ज हुआ था। उसके बाद दीदारगंज में ही जानलेवा हमला के दो, मारपीट के दो, जालसाजी के तीन, मारपीट व छेडख़ानी का एक, लूट का एक, पुलिस व सरकारी कर्मचारी के साथ मारपीट करने के दो व पुलिस अभिरक्षा से फरार होने के एक मुकदमा दर्ज हैं। वाराणसी के कैंट थाना में जालसाजी का एक, शिवपुर थाना में भी जालसाजी का एक, सरायमीर थाना में भी मारपीट का एक मुकदमा दर्ज है।

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