मोहल्ला नवाबगंज में असुविधाएं बनीं नवाब, जिम्मेदारों की उदासीनता की वजह से लाेग परेशान

कभी नवाबों का मोहल्ला रहे नवाबगंज में आज के समय असुविधाओं की नवाबी चलती है। जिम्मेदारों की उदासीनता की वजह से नवाबगंज मोहल्ले में बेहतरी के ख्वाब पूरे नहीं हो रहे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Mon, 24 Feb 2020 06:09 PM (IST) Updated:Mon, 24 Feb 2020 06:09 PM (IST)
मोहल्ला नवाबगंज में असुविधाएं बनीं नवाब, जिम्मेदारों की उदासीनता की वजह से लाेग परेशान
मोहल्ला नवाबगंज में असुविधाएं बनीं नवाब, जिम्मेदारों की उदासीनता की वजह से लाेग परेशान

वाराणसी, जेएनएन। कभी नवाबों का मोहल्ला रहे नवाबगंज में आज के समय असुविधाओं की नवाबी चलती है। जिम्मेदारों की उदासीनता की वजह से नवाबगंज मोहल्ले में बेहतरी के ख्वाब पूरे नहीं हो रहे। जबकि पुराने समय में यहां की नगरीय व्यवस्था बेहतर थी। मुगलकाल में भी यहां रोशनी संग सीवर और ड्रेनेज के बेहतर इंतजाम थे। ईंट से बना हुआ नाला अब भी यहां के लोगों का संकटमोचक है। नवाबगंज से खोजवां को जोडऩे वाली सड़क आज भी अपनी पहचान बनाए है। बावजूद इसके मोहल्ले के दुर्गाकुंड, घसियारी टोला, कैवल्यधाम, ब्रहमानंद नगर, कबीर नगर, शक्तिनगर, दीनदयाल नगर, बटुआपुरा, गुरुधाम, रेणु़का नगर, तुलसी नगर में चौका और सड़क की स्थिति जर्जर है। संभल कर नहीं चले तो चोटिल होना तय है। आए दिन लोग चोटिल भी हो रहे हैं। हर दूसरी -तीसरी गली में सीवर ओवरफ्लो कर रहा है, लोग दूषित जलापूर्ति से भी परेशान हैं। जागरण की टीम जब नवाबगंज मोहल्ले में पहुंची लोग जैसे अपनी समस्या बताने के लिए इंतजार कर रहें हो। लोगों ने एक-एक कर समस्याएं गिनाईं और जिम्मेदारों की लापरवाही बताई।

सीवर ध्वस्त होने से दिक्कत

मोहल्ले की सबसे बड़ी समस्या सिस्टम ध्वस्त होने से सीवर ओवरफ्लो की है। आए दिन हर मोहल्ले में सीवर ओवरफ्लो होने की शिकायतें लोग जलकल विभाग में करते हैं लेकिन सुधार नहीं होता। कैवल्य धाम एक्सटेंशन में गत एक माह से लगातार सीवर ओवरफ्लो कर रहा। कई बार लोगों ने शिकायत की लेकिन समस्या जस की तस है। इससे सड़क पर गड्ढा बन गया है। लोगों ने पार्षद से शिकायत भी लेकिन वे भी विवश हैं। पार्षद का कहना है कि सीवर की सफाई के लिए जलकल के पास कर्मचारी ही नहीं हैं। स्थिति यह है कि कैवल्यधाम कालोनी, कबीर नगर, गुरुधाम, नवाबगंज, दुर्गाकुंड मलिन बस्ती, घसियारी टोला में लोग सीवर ओवरफ्लो की समस्या से परेशान हैं। असि नदी जो अब नाले का रूप ले चुकी है। इससे भी समस्या बढ़ी है। तीन साल पहले जलनिगम ने पाइप लाइन डालकर इसे ढकने का काम शुरू कराया था लेकिन सामाजिक संगठनों के विरोध के कारण काम रुका है। स्थिति यह है कि नदी का स्वरूप लगातार बिगड़ता जा रहा है।

दूषित जलापूर्ति की समस्या

मोहल्ले में प्रदूषित जलापूर्ति की समस्या छह माह के दौरान बढ़ी है। खास बात यह कि शिकायत करने के बाद भी समस्या दूर नहीं हो रही। कैवल्यधाम एक्सटेंशन, कबीर नगर, ब्रहमानंद नगर, दुर्गाकुंड मलिन बस्ती, बटुआपुरा सहित कई मोहल्लों में प्रदूषित जलापूर्ति की समस्या है। लोगों ने पार्षद के साथ जलकल के अधिकारियों से शिकायत की मगर समस्या का समाधान नहीं हुआ। उनका कहना है कि एक तो कई बार की शिकायत के बाद जलकल विभाग के लोग आते हैं लेकिन समस्या का समाधान किए बगैर चले जाते हैं। पिछले छह महीने से नवाबगंज मोड़ के पास और मानस मंदिर के सामने जलापूर्ति लाइन में लीकेज है लेकिन अब तक ठीक नहीं हुआ। नवाबगंज मोड़ के पास जलकल ने अब तक चार बार मरम्मत की लेकिन अब तक ठीक हुआ है। मानस मंदिर के सामने डे्रनेज के बीच में लीकेज है। ऐसे में यहां नियमित रूप से लोगों को ड्रेनेज के साथ मिश्रित जलापूर्ति हो रही है। फिर भी विभाग ने यहां अब तक मरम्मत का प्रयास ही नहीं किया है।

अंधेरे में हैं आधे से अधिक गलियां

मोहल्ले की आधे से अधिक गलियां अंधेरे में हैं। दुर्गाकुंड परिसर में लगी कई स्ट्रीट लाइटें शो-पीस हो गई हैं। कई तो लगने के बाद जली ही नहीं। मोहल्ले में स्थित कौड़ी माता मंदिर के आसपास की गलियों में अंधेरा रहता है, जबकि यहां दक्षिण भारत से श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। कैवल्यधाम एक्सटेंशन के अवधेश पांडेय और विशाखा पांडेय का कहना है कि पिछले छह महीने से मोहल्ले की आधा दर्जन स्ट्रीट लाइटें नहीं जल रहीं। बावजूद इसके नगर निगम के अधिकारी खराब स्ट्रीट लाइट ठीक नहीं करा रहे हैं।

हर दस दिन पर सीवर जाम हो जाता

अरुण चौबे ने कहा कि हर दस दिन पर सीवर जाम हो जाता है। कोई सुनने वाला नहीं है। पिछले दो साल से यह समस्या बनी हुई है। जलकल के अधिकारी बेलगाम हो गए हैं। संजय यादव ने कहा कि अधिकांश जगहों पर स्ट्रीट लाइट खराब है। स्मार्ट सिटी की दौड़ में शामिल नगर निगम को जनता की आम सुविधाओं का ही ध्यान नहीं है।

मुन्नी देवी ने कहा कि दो साल से गंदा पानी आ रहा है। इसके कारण आए दिन संक्रामक बीमारियां हो रही है। इसकी कई बाद शिकायत की गई है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है। कांता के अनुसार दुर्गाकुंड हरिजन बस्ती में सीवर ध्वस्त हो गया है। लाइटें जलती नहीं है। अंधेरे में लोग गिरकर चोटिल हो जाते हैं। नगर निगम वाले झांकने भी नहीं आते।

जिम्मेदार बोले

पार्षदों के क्षेत्रों में विकास के लिए सूची तैयार हो रही। समस्याओं का प्राथमिकता के आधार समाधान किया जाएगा। मुख्य अभियंता को इसके लिए कहा गया है। जल्द ही इसके लिए कार्य आदेश जारी किए जाएंगे।

- गौरांग राठी, नगर आयुक्त

शिकायत पर समस्या का समाधान कराते हैं। कुछ जगह सीवर लाइन ध्वस्त होने से समस्या है। अवर अभियंताओं को सूचना मिलने पर जल्द से समस्या का समाधान कराने को कहा गया है।

- नीरज गौड़, महाप्रबंधक, जल कल

प्रदेश के मुखिया कहते हैं कि धन की कमी नहीं है और अधिकारी कहते हैं धन नहीं है। निगम प्रशासन ने 25 लाख की फाइल तो तैयार की है लेकिन कोई काम जनता का नहीं हो रहा है।

- सीता देवी, पार्षद

मोहल्ले की खासियत

दुर्गाकुंड स्थित दुर्गाकुंड मंदिर, मानस मंदिर, वनकटी हनुमान मंदिर, आनंद पार्क है, जहां स्वामी दयानंद ने काशी के विद्वानों के साथ शास्त्रार्थ किया था इस्कान मंदिर, त्रिदेव मंदिर और दुर्ग विनायक मंदिर, कौड़ी माता मंदिर प्रमुख हैं। मुगलकाल में यहां नवाबों की बस्ती थी, कहीं-कहीं उसके अवशेष दिखते हैं। नक्काशीदार भवन और गलियां इसकी पहचान थी। कैंट स्टेशन से बीएचयू जाने के मुख्य मार्ग के दोनों तरफ है अवस्थित है नवाबगंज मोहल्ला।

chat bot
आपका साथी