22 नवंबर को मुर्री बंद कर अगहनी जुमे की अदा होगी नमाज, पूर्वजों के समय से चली आ रही परंपरा

पारंपरिक रूप से प्रतिवर्ष अदा की जाने वाली अगहनी जुमे की नमाज इस बार 22 नवंबर को पुरानापुल पुलकोहना ईदगाह में अदा की जाएगी।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Wed, 13 Nov 2019 12:48 PM (IST) Updated:Wed, 13 Nov 2019 12:48 PM (IST)
22 नवंबर को मुर्री बंद कर अगहनी जुमे की अदा होगी नमाज, पूर्वजों के समय से चली आ रही परंपरा
22 नवंबर को मुर्री बंद कर अगहनी जुमे की अदा होगी नमाज, पूर्वजों के समय से चली आ रही परंपरा

वाराणसी, जेएनएन। काशी में कारोबार में तरक्की, सुख-शांति और भाईचारे की दुआ के लिए पारंपरिक रूप से प्रतिवर्ष अदा की जाने वाली अगहनी जुमे की नमाज इस बार 22 नवंबर को पुरानापुल पुलकोहना ईदगाह में अदा की जाएगी। काजी सादुल्लापुरा में मंगलवार को हुई बुनकर बिरादराना तंजीम बाइसी के कार्यकारिणी बैठक में यह निर्णय लिया गया।

बाइसी के सरदार हाजी अब्दुल कलाम के मुताबिक अगहनी जुमे की परंपरा पूर्वजों के समय से चली आ रही है। इस दिन सारे बुनकर मुर्री (काम) बंद कर ईदगाह में जुमे की नमाज अदा करते हैं। बैठक में सरदार नूरुद्दीन, अफरोज अंसारी, हाजी कलाम तौलिया, बाबूलाल किंग, पार्षद हाजी ओकास अंसारी व गुलशन अली, हाजी मुमताज अली, हाजी नासिर, हाजी इश्तियाक, शमीम अंसारी आदि थे। 

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