International Child Protection Day : मां यशोदा के छांव में मिलती है बेसहारा बच्चों को ठांव

मुसीबत में फंसे देश भर के बच्चों की रक्षा और उनकी देखभाल का जिम्मा उठाने वाली संस्था चौबेपुर के डुबकियां स्थित एसओएस चिल्ड्रेन विलेज में तनिक भी बच्चों को परिवार के अभाव का आभाष नहीं होने दिया जाता है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Tue, 01 Jun 2021 06:20 AM (IST) Updated:Tue, 01 Jun 2021 01:50 PM (IST)
International Child Protection Day : मां यशोदा के छांव में मिलती है बेसहारा बच्चों को ठांव
बच्चों को परिवार के अभाव का आभाष नहीं होने दिया जाता है।

वाराणसी [सौरभ चंद्र पांडेय]।  International Child Protection Day मुसीबत में फंसे बच्चों की रक्षा और उनकी देखभाल का जिम्मा उठाने वाली संस्था चौबेपुर के डुबकियां स्थित एसओएस चिल्ड्रेन विलेज में तनिक भी बच्चों को परिवार के अभाव का आभाष नहीं होने दिया जाता है। संस्था के निदेशक सुमंता कर ने बताया कि लगभग 34 एकड़ में बने इस बालग्राम में करीब 16 यशोदा मां रहती हैं। जो बच्चों का अपने देखरेख में पालन-पोषण करती हैं। संस्था ने बालग्राम में बच्चों के लिए पांच मोहल्ले बनाए हैं। जिसमें उनको पार्क, तालाब, आवास के साथ ही पूरे घर जैसा स्वतंत्र माहौल का एहसास कराता है। संस्था वर्तमान में 23 वर्ष की उम्र तक उनकी परवरिश करती है। उसके बाद यदि बच्चा अपने को स्थापित कर लेता है तो ठीक वरना संस्था उसकी आगे भी देखभाल करती है। खास तौर पर अनाथ बच्चियों के विवाह का भी जिम्मा संस्था उठाती है। अंतरराष्ट्रीय बाल रक्षा दिवस पहली बार 1 जून 1949 को रूस में मनाया गया था। इसका उद्देश्य अनाथ, विकलांग और गरीब बच्चों की समस्याओं पर लोगों का ध्यान आकर्षित करना है। इस दिन बच्चों को तोहफे दिए जाते हैं। उनके लिए विशेष समारोहों का आयोजन किया जाता है।

मुंहबोली दादी के शोषण से दुःखी  बाल-गोपाल, बालग्राम पहुंचे तो लौटी मुस्कान

भेलूपुर के जीवधिपुर किरहिया निवासी पांच बच्चे के पिता संतोष वर्मा की मौत करीब डेढ़ वर्ष पहले हो चुकी थी। इन बच्चों का पालन माता रीता वर्मा कर रहीं थी। गत अप्रैल माह में उनका भी निधन हो गया। इन अनाथ बच्चों का फायदा उनकी मुंहबोली दादी उठाने लगी। चाइल्ड लाइन के फादर मजू मैतिव ने जिला प्रशासन के सहयोग से इन बच्चों को वहां से मुक्त कराया। कागजी कार्रवाई के बाद अब यह बच्चे एसओएस चिल्ड्रेन विलेज पहुंचे। जहां उनको पुनः परिवार सा वातावरण मिला तो उनकी खुशी फिर से लौट आयी। इन बच्चों के दादा भगवती प्रसाद आस्ट्रेलिया में रहते हैं। गत दो वर्षों से अंतरराष्ट्रीय विमान संचालित नहीं होने के कारण भारत नहीं आ पा रहे हैं। इन बच्चों के दादा ने इनके लिए 22 लाख रूपये भेजे थे। इसके साथ ही कुछ बीमा का पैसा भी इन बच्चों को मिलने वाला है। चाइल्ड लाइन के फादर मजू मैतिव इन पैसों को जल्द ही बैंक के माध्यम से बच्चों के भविष्य के लिए जमा किया जाएगा। अभी इसकी कागजी कार्रवाई चल रही है।

आज बच्चे सीखेंगे आत्मरक्षा के गुर

अंतरराष्ट्रीय बाल रक्षा दिवस पर मंगलवार को संस्था के बालग्राम में रहने वाले बच्चे आत्मरक्षा के गुर सीखेंगे। इसमें बच्चों से आत्मरक्षा आधारित चित्रकला बनवाया जाएगा। जिससे कि बच्चों का कौशल विकास भी हो सके। इस कार्यक्रम का उद्घाटन कैंट सीओ अभिमन्यु मांगलिक करेंगे।

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