विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र के भवनों की रजिस्ट्री पर एमएलसी ने उठाए सवाल
वाराणसी : सपा एमएलसी शतरुद्र प्रकाश ने कहा कि श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने ज्योतिर्लिंग क
वाराणसी : सपा एमएलसी शतरुद्र प्रकाश ने कहा कि श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने ज्योतिर्लिंग की जगह राज्यपाल को मालिक बनाकर मंदिर की गरीमा को गिराया है। विधायिका और न्याय पालिका को नजरअंदाज कर भवनों को खरीदकर ध्वस्तीकरण करने का रवैया अपनाया है उसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ेगा। लाहौरीटोला स्थित एक भवन में रहने वाले किराएदार को उच्च न्यायालय ने नहीं हटाने तथा भवन को नहीं तोड़ने का आदेश दिया है। साथ ही इस मामले को 28 मार्च को विधानसभा में भी उठाया गया था, फिर भी इस भवन को व्यावसायिक दिखाकर 15 मार्च को मंदिर प्रशासन ने राज्यपाल के नाम भवन की रजिस्ट्री करा दी। न्याय विभाग से विधि परीक्षण भी नहीं कराया।
उन्होंने कहा कि मंदिर प्रशासन कई भवनों में रह रहे किराएदारों को छिपाकर 23 फरवरी को आवासीय भवन के रूप में मनमाना मूल्य देकर खरीद लिया। इसमें भी उच्च न्यायालय से यथास्थिति बनाए रखने का आदेश है। इतना ही नहीं, मंदिर प्रशासन ने यूपिका के एमडी को पत्र लिखकर याचिका वापस लेने का आग्रह भी किया जबकि यूपिका के अलावा 65 से 70 वर्ष पुराने किराएदार काबिज हैं। बाबा के भक्तों द्वारा चढ़ाए गए पैसे से भवनों को मनमाना रुपये देकर खरीदा जा रहा है। बाबा के दरबारी बाबा के दरबार में ही रहेंगे। मंदिर प्रशासन शिवभक्तों की धार्मिक भावना के खिलाफ दुर्भावना से ग्रसित होकर आतताइयों जैसा बर्ताव कर रहा है जो लोक भावना के अनुकूल नहीं है। मंदिर प्रशासन को विवादास्पद संपत्ति को खरीदने से पहले लोक मशविरा लेने की योजना सार्वजनिक करनी चाहिए थी। मामला अब गरमाने लगा है।