Malhani Assembly By-Election : कहीं प्रशासन को भारी न पड़ जाए भाजपा प्रत्याशी की हार
मल्हनी विधानसभा उपचुनाव में भाजपा की करारी हार कहीं प्रशासन को भारी न पड़ जाए इसकी चर्चा मतगणना के बाद रही। भाजपा ने हरहाल में इस सीट पर जीत दर्ज करने के लिए न सिर्फ पूरी ताकत लगा दी थी बल्कि मुख्यमंत्री योगी स्वयं दो बार जिले में आए थे।
जौनपुर, जेएनएन। मल्हनी विधानसभा उपचुनाव में भाजपा की करारी हार कहीं प्रशासन को भारी न पड़ जाए इसकी चर्चा मंगलवार को मतगणना के बाद आम रही। भाजपा ने हरहाल में इस सीट पर जीत दर्ज करने के लिए न सिर्फ पूरी ताकत लगा दी थी, बल्कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं दो बार जिले में आए थे। मुख्यमंत्री ने स्वयं यह कहा था कि यह चुनाव आगामी विधानसभा चुनाव की दिशा तय करेगा। ऐसे में मुख्यमंत्री की इस बात को अब भाजपा पदाधिकारियों को आत्मसात करने की जरूरत है।
योगी पहली बार चुनाव की तारीखों का एलान होने के पहले 26 सितंबर को कुल्हनामऊ स्थित सनबीम स्कूल पहुंचे थी। यहां उन्होंने सिर्फ संगठन के पदाधिकारियों से बात की। कार्यकर्ताओं को जीत का मूलमंत्र देते हुए उन्होंने हरहाल में मल्हनी विधानसभा सीट जीतने की बात कही थी। साथ ही इशारों-इशारों में भी बहुत कुछ कहा था।दूसरी बार मुख्यमंत्री 31 अक्टूबर को सिकरारा चौराहे के समीप चुनावी सभा को संबोधित करते हुए भाजपा प्रत्याशी मनोज सिंह के पक्ष में वोट मांगा था। मुख्यमंत्री के अलावा उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा व केशव प्रसाद मौर्य भी भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने के लिए अलग-अलग स्थानों पर जनसभाओं को संबोधित किया था। इनके अलावा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, प्रभारी मंत्री उपेंद्र तिवारी व कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर समेत तमाम बड़े नेता जनता के बीच जरूर गए, लेकिन जनता का दिल जीतने का कोई करिश्मा नहीं कर सके।
जनादेश पर बोले प्रमुख दलों के प्रत्याशी
जीत के लिए मल्हनी की जनता का सदैव ऋणी रहूंगा। पिताजी के अधूरे कार्यों को पूरा करने का पूरा प्रयास करूंगा। यह जीत मेरी नहीं, बल्कि मल्हनी की जनता की है। जीत के लिए सभी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को भी धन्यवाद देता हूं।
-लकी यादव, सपा (विजयी)।
मैं मल्हनी की जनता के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। मैं चुनाव हारा नही हूं बल्कि जिला प्रशासन ने हरवा दिया। जिला प्रशासन द्वारा लगातार मेरे समर्थकों को डराया गया, धमकाया गया। मेरे सामान्य बूथों को भी क्रिटिकल बनाकर मतदाताओं को डराया गया। समाजवादी पार्टी के लोगों को खुली छूट दी गई।
-धनंजय सिंह, निर्दल (रनर)।
चुनाव में भाजपा पार्टी पूरी तरह से साफ-सुथरे से लड़ाई लड़ी है। विपक्षियों ने चुनाव में पार्टी, दारू बांटा है। साथ ही भाजपा को हराने के लिए निर्दल प्रत्याशी की तरफ से साजिश रचकर वोटों का ध्रुवीकरण किया गया। उनको उम्मीद नहीं थी कि जनता उनका साथ नहीं देगी।
-मनोज सिंह, भाजपा।
चुनाव के दिन ही फेसबुक पर उन्होंने स्वयं लिखा था कि चुनाव में विरोधियों ने जमकर पैसे का इस्तेमाल किया था। सपा को यादव व मुस्लिम समाज ने विश्वास दिलाते हुए जातीय समीकरण के आधार पर जीत दिला दी। मेरी तरफ से कोई चूक नहीं हुई, उन्होंने बेहतर व साफ-सुथरे ढंग से चुनाव प्रचार किया।
-जयप्रकाश दुबे, बसपा।
विपक्षियों ने आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए जमकर धन-बल व बाहुबल का प्रयोग किया। उपचुनाव का जैसा परिणाम आया है, यह वर्तमान सरकार के विरोध में रहा। इस सीट पर विजयी प्रत्याशी को पिता के निधन से सहानुभूति के कारण जीत मिली है।
-राकेश मिश्र, कांग्रेस।