Coronavirus से कराह रहे महाराष्ट्र के किसानों की मेहनत से देश भर में फल- सब्जी की पर्याप्त आपूर्ति

महाराष्ट्र के किसानों की मेहनत से देश भर में फल- सब्जी की पर्याप्त आपूर्ति।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Fri, 17 Apr 2020 03:26 PM (IST) Updated:Fri, 17 Apr 2020 03:26 PM (IST)
Coronavirus से कराह रहे महाराष्ट्र के किसानों की मेहनत से देश भर में फल- सब्जी की पर्याप्त आपूर्ति
Coronavirus से कराह रहे महाराष्ट्र के किसानों की मेहनत से देश भर में फल- सब्जी की पर्याप्त आपूर्ति

वाराणसी [रवि दुबे] : देश में कोरोना का कहर सबसे ज्यादा महाराष्ट्र पर बरसा है बावजूद इसके यहां के व्यापरियों और किसानों ने देश में सब्जी और फल की आपूर्ति को बहाल रखा है। पूरे देश में सब्जी और फल की अधिकांश आपूर्ति महाराष्ट्र मध्य प्रदेश सहित अन्य कुछ राज्यों से ही होती है। मुश्किल के समय में जब एक एक करके सभी व्यवस्थाए ध्वस्त हो रही हैं तब इन प्रदेशो से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति पूरी तरह से बहाल है।

पहड़िया मंडी के व्यापारी बताते हैं कि सब्जी व फल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है स्टॉक की कोई कमी नही है। लॉक डाउन के कारण पहले कुछ गाड़ी वाले आने में कतरा रहे थे लेकिन अब वे भी आ रहे हैं। व्यपारियों का कहना है कि फिलहाल सब्जियों का उठान कम है। इसका कारण है कि लोगों ने अपने घरों में आलू व प्याज़ का स्टॉक बना लिया था। जिससे फिलहाल कुछ नुकसान हो रहा है उम्मीद है कि आने वाले दो चार दिनों में स्थिति में सुधार हो जाएगा। 

जिंस/ आवक/भाव/ स्थान

आलू / 7 से 8 गाड़ी/ 5 से 16 रु/प्रयागराज, फर्रुखाबाद

प्याज़/ 10 गाड़ी/ 10 से 11/ मध्य प्रदेश

टमाटर/ 3 से 4 गाड़ी/ 10 से 12/ नासिक व लोकल

लहसुन/ 2 से 3 गाड़ी/ 50 से 70/ मध्यप्रदेश

अदरक महाराष्ट्र/ 1 गाड़ी/ 45 रुपया

अदरक बंगलोर/ 6 गाड़ी / 60 रुपया

भिंडी / 8 से 10 रु/ छत्तीसगढ़

परवल/ 25 रुपया/ ग़ाज़ीपुर

करेला/ 10 रुपया / बंगाल

कोहंडा/ 4 से 5 रु/ लोकल

लौकी/ 6 से 8 रु / लोकल

सूरन/ 12 रुपया / बिहार

कटहल/ 3 से 4 छोटी गाड़ी/ 25 रु/ मध्य प्रदेश

मटर/ 30 रु/ रांची

सेब/ स्टोर व कश्मीर

संतरा/ स्टोर व नागपुर सहित पूरे महाराष्ट्र से

अंगूर/नासिक

केला/ भुसावल

मंडी में स्क्रीनिग की व्यवस्था नहीं

पहड़िया मंडी में वर्तमान समय में भी प्रतिदिन 50 से अधिक गाड़ियों का आवागमन हो रहा है। ये गाड़ियां देश के विभिन्न राज्यों से मंडी में आती हैं। एक गाड़ी में चार से लेकर पांच की संख्या में स्टाफ और व्यापारी रहते हैं। लेकिन मंडी में इनके थर्मल स्क्रीनिंग की कोई व्यवस्था नही है। न ही गाड़ियों को खोलने से पहले उनका सैनिटाइजेशन किया जाता है। ये लोग एक बार गाड़ी लेकर आने के बाद करीब 20 से 22 घंटे तक मंडी में रहते है। इस दौरान शौच करने नहाने, खाना बनाने सहित अन्य दैनिक क्रिया भी करते हैं। एक व्यापारी सहित स्टाफ दर्जनों लोगों से मिलता जुलता भी है। ऐसे में यदि एक व्यक्ति को भी संक्रमण हुआ तो वह कई लोगों को प्रभावित कर सकता है। मंडी में सैकड़ों की संख्या में पल्लेदार, आढ़ती और कारोबारी आते हैं।

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