सावन के दूसरे दिन गुरुवार को वाटर प्रूफ टेंट की छांव में लगी श्रद्धालुओं की कतार varanasi news

सावन के दूसरे दिन गुरुवार को काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा भक्तों को धूप की तपिश से मुक्ति मिल गई। इसके लिए छत्ताद्वार से ज्ञानवापी नियंत्रण कक्ष तक वाटर प्रूफ टेंट लगा दिया गया।

By Edited By: Publish:Fri, 19 Jul 2019 02:17 AM (IST) Updated:Fri, 19 Jul 2019 10:01 AM (IST)
सावन के दूसरे दिन गुरुवार को वाटर प्रूफ टेंट की छांव में लगी श्रद्धालुओं की कतार varanasi news
सावन के दूसरे दिन गुरुवार को वाटर प्रूफ टेंट की छांव में लगी श्रद्धालुओं की कतार varanasi news

वाराणसी, जेएएनएन। सावन के दूसरे दिन गुरुवार को काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा भक्तों को धूप की तपिश से मुक्ति मिल गई। इसके लिए छत्ताद्वार से ज्ञानवापी नियंत्रण कक्ष तक वाटर प्रूफ टेंट लगा दिया गया। इसमें ही श्रद्धालुओं की कतार लगी। सावन के पहले दिन बाबा भक्तों के धूप व उमस के चलते हुई परेशानी की ओर दैनिक जागरण ने ध्यान दिलाया था। इसका संज्ञान लेते हुए मंदिर प्रशासन ने सुबह के साथ सबसे पहले इसकी व्यवस्था की। साथ ही श्रृंगार गौरी व बांसफाटक की ओर जाने वाले नए द्वार संख्या पांच के आसपास रास्ते ठीक कराए। इसके लिए बुधवार रात मंदिर के पट बंद होने के बाद ही मजदूरों को लगा दिया गया था।

भोर में मंगला आरती के बाद बाबा का दर्शन व जलाभिषेक के लिए भक्तों का रेला उमड़ पड़ा। इसे देखते हुए दो द्वारों से प्रवेश दिया गया तो दो द्वारों से निकास की व्यवस्था की गई। मंदिर गर्भगृह के चारो द्वारों पर लगाए गए धातु निर्मित अरघे से जलाभिषेक की सुविधा दी गई। इससे कतार की रफ्तार तो जरूर तेज रही लेकिन गर्भगृह में न जा पाने का लोगों का मलाल भी रहा।

रात तक 50 हजार से अधिक भक्तों ने बाबा का दर्शन-जलाभिषेक कर लिया। इसके अलावा 22 अगस्त को पहले सावन की तैयारियों में मंदिर प्रशासन जुटा रहा। साफ-सफाई, गढ्डों की पटाई और बिजली व्यवस्था भी दुरूस्त की जाती रही। साथ ही कांवरियों व अन्य श्रद्धालुओं की सुविधा के लिहाज से आसपास की गलियों की भी मरम्मत की जा रही है ताकि बाबा दरबार तक पहुंचने में लोगों को किसी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े।

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