अमीरी की अकड़ तभी तक है, जब तक गरीब उसे..., भारतेंदु हरिश्चंद्र कला मंच पर आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में जुटे दिग्गज कवि

ददरी मेला के ऐतिहासिक भारतेंदु हरिश्चंद्र कला मंच शुक्रवार की रात कवियों के नाम रहा। अखिल भारतीय कवि सम्मेलन कार्यक्रम में जुटे कवियों ने अपनी काव्य पाठ से श्रोताओं को मंत्र मुग्ध

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sat, 30 Nov 2019 06:51 PM (IST) Updated:Sat, 30 Nov 2019 06:51 PM (IST)
अमीरी की अकड़ तभी तक है, जब तक गरीब उसे..., भारतेंदु हरिश्चंद्र कला मंच पर आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में जुटे दिग्गज कवि
अमीरी की अकड़ तभी तक है, जब तक गरीब उसे..., भारतेंदु हरिश्चंद्र कला मंच पर आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में जुटे दिग्गज कवि

बलिया, जेएनएन। ददरी मेला के ऐतिहासिक भारतेंदु हरिश्चंद्र कला मंच शुक्रवार की रात कवियों के नाम रहा। अखिल भारतीय कवि सम्मेलन कार्यक्रम में जुटे कवियों ने अपनी काव्य पाठ से श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। पद्मश्री सुरेंद्र शर्मा ने आज एक बार कहें, आखिरी बार कहें, क्या पता तुम ना रहो, क्या पता हम ना रहें सुनाकर शाम को और रंगीन बना दिया। वहीं इन्दौर से आई कवयित्री डॉ. भुवन मोहिनी ने हम नीलाम हुए घर को ठिकाना नहीं बनाते, हम साफ-साफ कहते है, बहाना नहीं बनाते, जिस घर पर गिरी हो बिजली, हम उस खंडहर को निशाना नहीं बनाते... के बाद अनेकों हास्य एवं प्रेम रस की कविताएं श्रोताओं के सामने प्रस्तुत की गईं। दिल्ली से पधारे एम्स के आर्थोपेडिक्स डाक्टर अरुन पाण्डेय ने अबकी बारी पक्का है, डल में होगा त्योहार, काश्मीर भी बोलेगा, छठ मईया का जयकार... से कवि सम्मेलन में आए हुए लोगों में देशभक्ति की लहर फूंक दीं। इसके पूर्व मुख्य अतिथि जिलाधिकारी एचपी शाही व पुलिस अधिक्षक देवेन्द्र नाथ ने फीता काटकर व दीप प्रज्जवलन कर कवि सम्मेलन का शुभारम्भ किया। तत्पश्चात कवियों को अंगवस्त्र व माल्यार्पण कर अतिथिद्वय ने स्वागत किया।

नपा अध्यक्ष अजय कुमार समाजसेवी व अधिशासी अधिकारी दिनेश कुमार विश्वकर्मा ने जिला चिकित्सालय में निस्वार्थ भाव से मरीजों की सेवा करने वाले चिकित्सकों को भी सम्मानित किया गया। कवि राम भदवार ने आज का प्यार भी निभाने में आता है कहां, राधिका भी कहां मिलती है, मुन्नी के जमाने में... के साथ आए हुए श्रोताओं के सामने सामाजिक विषमताओं पर प्रहार किया। प्रयागराज के हास्य कवि अखिलेश द्विवेदी ने जो पढ़े लिखे वो हैं संतरी बने, अपराधी माफिया हैं जो वो मंत्री बने, जिसने विवाह करके अपनी पत्नी छोड़ दी, वो अपने देश में प्रधानमंत्री बने... के बाद जो था खराब सबसे वो अच्छा निकल गया, झूठों के घर में देखिए सच्चा निकल गया, चाचा ने राजनीति में बच्चा समझा जिसे, बच्चा वहीं चाचा का चच्चा निकल गया। इसके अलावा सुशांत मिश्र ने कन्या भ्रूण हत्या एवं पर्यावरण संरक्षण पर गीत प्रस्तुत कर सबको सोचने पर मजबूर किया। मानसी द्विवेदी ने मैं पावन नीर सरयू का सुवासित शाम लायी हूं, गढ़ी हनुमान की पूरी अयोध्या धाम लायी हूं सुना कर श्रोताओं को आस्था में डुबकी लगवाई। राजस्थान के लाफ्टर चैलेंज के विजेता रहे हास्य कवि सुरेश अलबेला ने मैं फिर से किसी बेवफा से प्यार क्यों करूं, जाहिल था मैं मां-बाप की सेवा न कर सका। मिलती थीं रोज मुरारी से, पर सेटिंग थी गिरधारी से, खर्चा राजू से लेती थी, पर शर्माती थी मुरली से। पंकज प्रखर ने काव्य पाठ में सरहद के जांबांज सिपाही बस इतना सा काम करो, पाकिस्तान का हर हिस्सा भारत मां के नाम करो सुना कर रोंगटे खड़े कर दिए। हर्ष पाण्डेय ने वतन की रक्षा के लिए जो अपना दिन-रात देते हैं, वहीं अपनी मां के दूध का असली परिणाम देते हैं के द्वारा श्रोताओं में जोश भरा। डॉ. अनिल चौबे ने ताल मदिरा के हैं ये मादक नयन दोनों, मदहोश करके डूबाकर मार डालेगी के बाद डिजिटल युग की हैं ये प्रेमिकाएं, जो हाय-बाय करके मार डालेंगी। गंगा मइयां पर भी उन्होंने अपनी कविताएं पढ़ी। इसके बाद डॉ. हरीराम द्विवेदी ने गंगा मात्र एक नदी नहीं, बल्कि जीवन दायिनी व मोक्षदायिनी हैं। गंगा नदी देश की पहचान, परम्परा व देश की संस्कृति है, विषय पर श्रोताओं के सम्मुख अपनी बातें रखी। पद्मश्री हास्य कवि सुरेन्द्र शर्मा ने अमीरी की अकड़ भी तभी तक रहती है, जब तक गरीब उसे निहारते हैं, अपनी इच्छाओं को सीमाओं में बांधे रखिए, नहीं तो सौ अपराधों में बदल जाएगा। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता डॉ. हरिराम द्विवेदी व संचालन डॉ. अनिल चौबे ने किया। इस मौके पर प्रमुख रूप से सभासद ददन यादव, विक्की खान, अमित दुबे, संजय यादव, सुमित मिश्र उर्फ गोलू, विकास पाण्डेय लाला, सुबाष गुप्ता, कन्हैया जयसवाल आदि मौजूद थे।

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