दो मिनट में सामान sanitize करेगा कोविड डिसइंफेक्शन चेंबर,10 से 15 दिन में बाजार में किया जाएगा लांच

कोरोना वायरस से मुकाबले के लिए आईआईटी बीएचयू के छात्रों व प्रोफेसरों ने कई पहल की है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 29 Aug 2020 06:20 AM (IST) Updated:Sat, 29 Aug 2020 09:40 AM (IST)
दो मिनट में सामान sanitize करेगा कोविड डिसइंफेक्शन चेंबर,10 से 15 दिन में बाजार में किया जाएगा लांच
दो मिनट में सामान sanitize करेगा कोविड डिसइंफेक्शन चेंबर,10 से 15 दिन में बाजार में किया जाएगा लांच

गाजीपुर [देवेंद्र जायसवाल]। कोरोना वायरस से मुकाबले के लिए आईआईटी बीएचयू के छात्रों व प्रोफेसरों ने कई पहल की है। अब इन्हीं छात्रों व प्रोफेसरों की मदद से नगर निवासी दंत चिकित्सक डा. अंकेश सेठ ने कोविड डिसइंफेक्शन चेंबर तैयार किया है। इस चेंबर में पर्स, घड़ी, बेल्ट समेत जो चीजें धुली नहीं जा सकती हैं उन्हें रखकर कोरोना संक्रमण मुक्त किया जा सकता है। आईआईटी बीएचयू के मालवीय उद्यमिता संवर्धन केंद्र के प्रोफेसर पीके मिश्रा ने चेंबर की जांच कर इसे प्रमाणित भी किया है। 10-15 दिनों में यह चेंबर बाजार में उपलब्ध हो जाएगा।

वैश्विक महामारी में कोरोना मरीजों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। इससे लोग डरे-सहमे हैं। इससे बचाव के लिए मास्क, सैनिटाइजर के साथ कई तरह के चीजों का उपयोग कर रहे हैं। दंत चिकित्सक डा. अंकेश ने डेढ़ माह पहले चेंबर बनाने के बारे में सोचा और प्रोफेसर डा. पीके मिश्र से मिलकर अपना विचार साझा किया। उन्हें भी अंकेश की बात अच्छी लगी और उन्होंने बीएचयू आईआईटी की टीम लगाकर शोध शुरू करा दिया। करीब डेढ़ माह तक शोध चला। दो-तीन बार फेल होने के बार अंतत: चेंबर बन गया। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान काशी ङ्क्षहदू विश्वविद्यालय द्वारा जांचकर चेंबर को प्रमाणित किया गया। डा. अंकेश ने बताया कि इस चेंबर में पर्स, घड़ी, बेल्ट समेत जो चीजें धुली नहीं जा सकती हैं उन्हें रखकर कोरोना संक्रमण मुक्त किया जा सकता है। बताया कि हल्का सामान दो मिनट में वह भारी सामान 10 मिनट में संक्रमण मुक्त हो जाएगा। जानकारी दी कि 10-15 दिन में यह चेंबर मार्केट में उपलब्ध हो जाएगा। यह चेंबर वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई में कारगर साबित होगा।

डा. अंकेश की सोच को दिया मूर्त रूप

डा. अंकेश सेठ ने डिसइंफेक्शन चेंबर बनाने की चर्चा मुझसे की। उनकी सोच अच्छी लगी तो आईआईटी के छात्रों को लगाकर शोध कराया गया। करीब डेढ़ माह तक शोध चला। एक बार-दो बार फेल होने के कारण शोध सफल हो गया। जांच करने के बाद चेंबर को प्रमाणित किया गया। बताया कि जिन सामानों को धुला नहीं जा सकता, उसे इस चेंबर में रखकर संक्रमण मुक्त किया जा सकता है। - प्रो. पीके मिश्र, मालवीय उद्यमिता संवर्धन केंद्र, आईआईटी बीएचयू।

दादी के नाम पर रखा चेंबर का नाम

डा. अंकेश शोध सफल होने से काफी उत्साहित हैं। उन्होंने कोविड डिसइंफेक्शन चेंबर का नाम अपनी दादी राजेश्वरी देवी के नाम पर रखा गया है। राजेश्वरी कोविड डिसइंफेक्शन चेंबर के नाम से यह उपकरण मार्केट में लांच होगा।

उपयोग करना आसान

चेंबर का उपयोग करना बिल्कुल ही आसान है। प्लग को स्विचबोर्ड से लगाकर आन करना है। चेंबर खोलकर उसमें सामान रखकर बंद करने के बाद हल्का सामान है तो दो मिनट बाद निकाल सकते हैं और भारी सामान है तो दस मिनट बाद। इसमें किसी भी तरह की कठिनाई नहीं है।

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