मनमुटाव की दीवार खड़ी कर रही महंगाई, किचन, मोबाइल, डीजल-पेट्रोल एवं महंगी दवा ने दूर किया निवाला
महंगाई का जबरदस्त असर रसोईं पर पड़ा है। आटा तेल चावल लहसुन प्याज दाल मेवा मसाला रिफाइंड एलपीजी इत्यादि पर एक साथ चढ़ी महंगाई ने रसोईं को करीब 40 फीसद महंगा कर दिया है।
वाराणसी [राकेश श्रीवास्तव]। 55 वर्षीय शर्मा जी के लिए महंगाई डायन बनकर सामने खड़ी है। उनकी 20 हजार रुपये की सैलरी खाते में आने के साथ ही छू मंतर हो जा रही। खर्च में हद दर्जे की कटौती के बावजूद महीना पूरा होने से पूर्व ही 'गृहस्थी की गाड़ी तेल खत्म हो जा रहा। उनकी पत्नी कुशल गृहणी हैं, लेकिन किचन के बढ़ते बजट को रोक नहीं पा रहीं। शर्मा जी बेटे की पाकेट मनी, खुद के खर्च में कटौती करते पत्नी की डिमांड पूरी करते गए। महंगाई की दुश्वारियां अब परिवार में मनमुटाव की दीवार खड़ी करने की राह पर बढ़ चली हैं। हालात से हारने के कारण शर्मा परिवार में मनमुटाव बढ़ रहा। सारे जतन के बावजूद किचन की जरूरतें पूरी नहीं कर पा रहे शर्मा जी पत्नी को डॉ. तारा प्रसाद जोशी की कविता सुना रहे, मेरे वेतन ऐसे रानी, जैसे गरम तवे पर पानी ...।
रसोई हुई 40 फीसद महंगी
महंगाई का जबरदस्त असर रसोईं पर पड़ा है। आटा, तेल, चावल, लहसुन, प्याज, दाल, मेवा मसाला, रिफाइंड, एलपीजी इत्यादि पर एक साथ चढ़ी महंगाई ने रसोईं को करीब 40 फीसद महंगा कर दिया है। हालात ऐसी की गृहणियों की किचन चलाने में कुशलता भी नाकाफी साबित हो रही है।
टूट के कगार पर मध्यमवर्गीय परिवार
हाड़तोड़ मेहनत के बावजूद गृहस्थी चलाने में परेशानी परिवार को टूट की ओर ले जा रही है। आशंकाओं में घिरे लोग अपना चूल्हा, बर्तन अलग करने से गुरेज नहीं कर रहे। हालांकि, खुद का महंगाई से सामना होने पर कमाई की चूलें हिल जा रही हैं। असल में घर चलाने में बढ़ते खर्च के कारण बच्चों के पाकेट मनी में कटौती, किचन चलाने को बजट नहीं मिल पाने से विवाद खड़ा हो रहा। ऐसे में पति, पत्नी एवं बच्चे एक दूसरे पर सवाल उठाने से नहीं चूक रहे।
यूं किचन हुआ महंगा
सामान पुराना रेट नया रेट
आटा 25 29 रुपये किलो
चावल 35 42 रुपये किलो
नमक 18 20 रुपये पैकेट रिफाइंड 88 92 रुपये लीटर
एलपीजी 664 754 रुपये
मेवा मसाला
छुहारा 160 260 रुपये किलो
काजू 550 600 रुपये किलो
बादाम 680 680 रुपये किलो
दलहन में नरमी
अरहर 86/88 80/82 रुपये किलो
चना दाल 56/58 55/57 रुपये किलो
मूंग दाल 88/90 84/86 रुपये किलो
मंसूर दाल 53/54 52/53 रुपये किलो
मटर दाल 57/58 53/55 रुपये किलो
ऊरद दाल 100 90/95 रुपये किलो
यूं 20 हजार की कमाई चट कर जा रही महंगाई ...
मद खर्च रुपये
मकान किराया 6000
बिजली बिल 1500
स्कूल फीस 2000
स्कूल गाड़ी 1200
ट्यूशन फीस 1000
मोबाइल रिचार्ज 300
दूध 1680
राशन 3000
सब्जी 2000
दवा खर्च 1000
(हम दो-हमारे दो के आदर्श परिवार को सामान्य जीवन जीने में खर्च हो रहे 20 हजार रुपये।)
प्याज एवं लहसुन से सरकार भी हारी
प्याज एवं लहसुन की महंगाई के सामने सरकार भी लाचार पड़ गई है। प्याज 90 तो लहुसन 250 रुपये किलो बाजार में बिक रहा है। बाजार में इनके दाम सुनकर ही लोग जेब झांकने लग जा रहे हैं। चूंकि, दोनों के बगैर किचन अधूरा समझा जाता है, लिहाजा लोगों ने जरूरत से कम ही सही लेकिन खरीदारी करने से खुद को रोक नहीं पाए। गृहणियां ज्यादा परेशान हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि गृहस्थी की गाड़ी आखिर खिंचेगी भी तो कैसे।
पेट्रोल में भी लगी आग, 1.67 रुपये महंगा
यूं तो महंगाई के कई कारण हैं। लेकिन इसमें डीजल - पेट्रोल मूल्य वृद्धि के अहम रोल से इन्कार भी नहीं किया जा सकता। यह महंगाई के जबड़े को मजबूत कर रही है। पेट्रोल पंप पहुंचे बाइकर्स, कार चालकों को रोजाना ही मूल्यवृद्धि का सामाना करना पड़ रहा है। सिर्फ नवंबर माह में पेट्रोल 1.67 रुपये महंगा हुआ है।
महंगाई ने छीन लिया कुशल गृहणी का तमगा
गृहणी बिंदू देवी ने कहा कि महंगाई ने छीन लिया कुशल गृहणी का तमगा। ज्यादा वक्त नहीं गुजरा जब तीन हजार के बजट में छह लोगों की रसोईं आराम से चलती थी। अब तो 4500 रुपये भी कम पड़ रहे। गृहणी शोभा गुप्ता ने कहा कि रसोई के बजट से बचत भी कर लेती थी। गाढ़े वक्त में काम आता था। अब तो दिनों दिन मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। प्रत्येक महीने रसोई चलाने का बजट कम पड़ जाता है।