India का गणितीय ज्ञान दुनिया को राह दिखाने वाला, सर पेनरोज BHU को मानते हैं धर्म व आस्था का शोध केंद्र

भौतिकी का नोबल पुरस्कार पाने वाले सर रोजर पेनरोज भारतीय गणितज्ञों के कायल हैं। वह भारत के गणितीय ज्ञान को दुनिया को राह दिखाने वाला बताते हैं। वर्ष 2011 में बीएचयू के भौतिक विज्ञानी डा. टीपी यादव से तब जाहिर किए थे जब वह पोस्ट डाक्टोरल फेलोशिप कर रहे थे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Fri, 09 Oct 2020 07:41 AM (IST) Updated:Fri, 09 Oct 2020 01:57 PM (IST)
India का गणितीय ज्ञान दुनिया को राह दिखाने वाला, सर पेनरोज BHU को मानते हैं धर्म व आस्था का शोध केंद्र
भौतिकी के नोबल विजेता सर रोजर पेनरोज के साथ बीएचयू के भौतिक विज्ञानी डा. टी पी यादव।

वाराणसी [हिमांशु अस्थाना]। ब्लैक होल सिद्धांत पर इस वर्ष भौतिकी का नोबल पुरस्कार पाने वाले सर रोजर पेनरोज भारतीय गणितज्ञों के कायल हैं। वह भारत के गणितीय ज्ञान को दुनिया को राह दिखाने वाला बताते हैं। सर पेनरोज ने ये विचार वर्ष 2011 में बीएचयू के भौतिक विज्ञानी डा. टीपी यादव से तब जाहिर किए थे, जब वह पोस्ट डाक्टोरल फेलोशिप कर रहे थे। डा. पेनरोज उस समय काशी हिंदू विश्वविद्यालय को धार्मिक व आस्था का बड़ा शोध केंद्र मानते थे, मगर डा. यादव ने बीएचयू के अत्याधुनिक शोधों, विज्ञान व प्रौद्योगिकी से जब उनका परिचय कराया, तब उन्होंने बीएचयू के पूर्व छात्र भारत रत्न डा. सीएनआर राव के बारे में जानने की उत्सुकता जताई।

डा. टीपी यादव 2009 और 2011-12 तक ब्रिटेन के लिवरपूल विश्वविद्यालय में रहे। इसी दौरान उन्हें सर पेनरोज के साथ कार्य करने का अवसर मिला। डा. यादव सालिड एस्टेट फिजिक्स पर शोध कर रहे थे, यह विषय ब्लैक होल के बहुत बड़े हिस्से को समाहित करता है। सर पेनरोज ने 1978 में ही यह खोज कर बताया था कि ब्लैक होल कर्व की तरह है, जहां विज्ञान के कई फार्मूले व सिद्धांत जीरो हो जाते हैं। उन्होंने आंइस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत के अनुसार ब्लैक होल की व्याख्या की थी। डा. यादव ने सर पेनरोज के साथ ए पीरियोडिक टाइलिंग, 'ए पीरियोडिक क्रिस्टल और 'क्वासिक क्रिस्टल जैसी विधाओं पर गहन शोध व अध्ययन किया, जिसका उपयोग वाहनों और अन्य वस्तुओं की दीवारों पर किया जाएगा। इससे यदि हवाई जहाज या अन्य वाहनों में आग भी लगी हो तो उससे कोई नुकसान नहीं होगा।

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