गाजीपुर में किसान पंचायत में पुलिस और किसानों से नोकझोंक, नारेबाजी कर केंद्र सरकार पर साधा निशाना

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की ओर से मंगलवार को सरजू पांडेय पार्क में आयोजित किसान पंचायत के दौरान किसानों व पुलिस कर्मियों से नोकझोंक हुई। इसके बावजूद किसानों का आंदोलन जारी रहा। किसान विरोधी तीनों कृषि कानून का खुलकर विरोध किया गया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Tue, 05 Jan 2021 04:46 PM (IST) Updated:Tue, 05 Jan 2021 04:46 PM (IST)
गाजीपुर में किसान पंचायत में पुलिस और किसानों से नोकझोंक, नारेबाजी कर केंद्र सरकार पर साधा निशाना
गाजीपुर, सरजू पांडेय पार्क में किसान पंचायत में बोलते सुबच्चन यादव।

गाजीपुर, जेएनएन। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की ओर से मंगलवार को सरजू पांडेय पार्क में आयोजित किसान पंचायत के दौरान किसानों व पुलिस कर्मियों से नोकझोंक हुई। इसके बावजूद किसानों का आंदोलन जारी रहा। किसान विरोधी तीनों कृषि कानून का खुलकर विरोध किया गया। खेती में कंपनी राज नहीं चलेगा, खेत, खेती, किसान बचाओ, कारपोरेट का राज मिटाओ, अन्नदाता किसानों पर दमन नहीं सहेंगे के नारे लगाए गए। बीच में व्यवधान उत्पन्न करने की पुलिसिया कार्रवाई की निंदा करते हुए लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला बताया गया। मौके पर दिन भर फोर्स डटी रही।

दोपहर में सरजू पांडेय पार्क में किसान पंचायत चल रही थी। इसी बीच पुलिस कर्मी लाउडस्पीकर छीनने लगे, लेकिन किसानों के उग्र होने के चलते वहां से हट गए। राष्ट्रीय सचिव ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा ने कहा कि 40 दिन से बेहद शांति पूर्ण ढंग से आंदोलन दिल्ली बार्डर पर चल रहा है। हर 16 घंटे में एक किसान शहादत दे रहा है। अब तक 60 से ज्यादा किसान जान गंवा चुके हैं। इस कानून के लागू होने से किसान का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। उनकी जमीन और कृषि बाजार के हवाले हो जाएगी। किसान सभा के प्रदेश महामंत्री व पूर्व विधायक राजेंद्र यादव ने कहा कि 25 वर्षों में एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार चार लाख से ऊपर किसान आत्महत्या कर चुके हैं। केवल इस साल 10 हजार से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या किया है। उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानूनों के लागू होने से दरिद्रीकरण, भूखमरी, कर्ज, बेरोजगारी से 70 करोड़ किसान प्रभावित होंगे। उन्होंने ने किसान विरोधी कृषि कानूनों को रद करने, आंदोलनरत किसानों की मांगों को पूरा करने की मांग उठाई। ऐसा न होने पर दिल्ली कूच करने की चेतावनी दी गई। भाकपा माले के जिला सचिव रामप्यारे राम, सीपीआई के जिला सचिव अमेरिका यादव, अमरनाथ यादव राघवेंद्र, योगेंद्र यादव, योगेंद्र भारती, राजेश वनवासी, राजदेव यादव, यादवेंद्र, नसीरुद्दीन, सुबच्चन यादव आदि थे। अध्यक्षता गुलाब सिंह व संचालन जनार्दन राम ने किया।

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