वाराणसी में अवैध डेल्‍टा साफ्टवेयर से रेलवे की रिजर्वेशन व्यवस्था में लग रही सेंध

आरपीएफ इंस्पेक्टर आसूचना शाखा के अभय राय ने बताया कि इलेक्ट्रानिक उपकरणों से मिले साक्ष्यों के आधार पर इस मामले में लगातार कार्रवाई की जा रही है। एक नए साफ्टवेयर डेल्टा के डेवलपर की तलाश की जा रही है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sun, 08 Aug 2021 09:12 AM (IST) Updated:Sun, 08 Aug 2021 09:12 AM (IST)
वाराणसी में अवैध डेल्‍टा साफ्टवेयर से रेलवे की रिजर्वेशन व्यवस्था में लग रही सेंध
एक नए साफ्टवेयर डेल्टा के डेवलपर की तलाश की जा रही है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। ट्रेनों में टिकटों की मारामारी के बीच रेलवे के रिजर्वेशन में भी कालाबाजारी का खेल चल रहा है। कुछ मामले पकड़े भी गए, लेकिन अभी पूरी तरह से इस पर लगाम नहीं लगाई जा सके है। आरपीएफ की अपराध आसूचना शाखा की कार्रवाई में पूर्वांचल में कुछ ऐसे मामले सामने आए जिसमें साइबर कैफे व सहज जनसेवा केंद्रों को ठिकाना बनाकर बिचौलिए रेलेवे की व्यवस्था में सेंधमारी कर रहे थे। आरपीएफ इंस्पेक्टर आसूचना शाखा के अभय राय ने बताया कि इलेक्ट्रानिक उपकरणों से मिले साक्ष्यों के आधार पर इस मामले में लगातार कार्रवाई की जा रही है। एक नए साफ्टवेयर डेल्टा के डेवलपर की तलाश की जा रही है।

आनलाइन पर साफ्टवेयर की खरीद बिक्री : देश भर की एजेंसी अवैध सॉफ्टवेयर के जड़ को खंगालने में जुटी है। फिर भी गिरोह के सरगना और बिचौलिए कानून के शिकंजे से बचते चले जा रहे हैं। दरअसल, आनलाइन प्लेटफार्म पर ही एजेंट और डेवलपर के बीच सॉफ्टवेयर की खरीद बिक्री होती है। अभय राय ने बताया कि यूट्यूब प्लेटफार्म पर वीडियो के जरिए डेवलपर लोगों को आकर्षित करते हैं। तय समय सीमा तक साफ्टवेयर इस्तेमाल करने वाले को आनलाइन शुल्क चुकाना पड़ता है।

साफ्टवेयर की मदद से टिकट बुकिंग में कम समय : विशेषज्ञों की मानें तो डेल्टा, तत्काल प्लस और क्विक तत्काल, एएनएमएस, मैक व जगुआर जैसे अवैध साफ्टवेयर आइआरसीटीसी के लागिन कैप्चा, बुकिंग कैप्चा और बैंक ओटीपी की बाइपास करते हैं। वास्तविक ग्राहकों को इन सभी प्रक्रियाओं से गुजरना होगा। एक सामान्य ग्राहक के लिए बुकिंग प्रक्रिया में आमतौर पर लगभग 2.55 मिनट लगते हैं, लेकिन ऐसे साफ्टवेयरों का उपयोग करने वाले इसे लगभग 1.48 मिनट में पूरी कर लेते हैं।

बुक नहीं कर सकते तत्काल टिकट : एजेंटों को रेलवे तत्काल टिकट बुक करने की अनुमति नहीं देता। ऐसे कई एजेंट हत्थे चढ़े, जो साफ्टवेयरों के जरिए टिकट बुक कर रहे थे। ऐसे में अन्य लोगों के लिए तत्काल टिकट प्राप्त करना वस्तुत: असंभव हो गया। दो पालियों में सुबह 10.15 बजे और 11.15 बजे के बाद ही एजेंट को तत्काल टिकट बुक करने की अनुमति दी गई है। व्यक्तिगत आइडी से बुक टिकट का व्यवसायिक उपयोग प्रतिबंधित है। रेलवे एक्ट की धारा 143 में कार्रवाई हो सकती है। वहीं अवैध साफ्टवेयर पकड़े जाने पर आइटी एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जाती है।

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