किराये की गाड़ी से चलते हैं आइआइटी निदेशक, एक साल का बिल आया 7.80 लाख रुपये Varanasi news

आइआइटी बीएचयू के निदेशक कार्यालय व निजी कार्य के लिए जिस गाड़ी का प्रयोग करते हैं वह संस्थान की और न उनकी स्वयं की है।

By Edited By: Publish:Sat, 31 Aug 2019 01:21 AM (IST) Updated:Sat, 31 Aug 2019 12:15 PM (IST)
किराये की गाड़ी से चलते हैं आइआइटी निदेशक, एक साल का बिल आया 7.80 लाख रुपये Varanasi news
किराये की गाड़ी से चलते हैं आइआइटी निदेशक, एक साल का बिल आया 7.80 लाख रुपये Varanasi news

वाराणसी, जेएनएन। आइआइटी, बीएचयू के निदेशक कार्यालय व निजी कार्य के लिए जिस गाड़ी का प्रयोग करते हैं, वह संस्थान की और न उनकी स्वयं की है। संस्थान की गाड़ी व ड्राइवर होते हुए भी पिछले एक साल से उन्हें प्राइवेट एजेंसी के माध्यम से वाहन उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसका किराया 65 हजार रुपये प्रतिमाह है। यह खुलासा सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी से हुआ। संस्थान अपनी गाड़ी को कंडम बता रहा है। ऐसे में एक वर्ष के दौरान करीब 7,80,000 रुपये का बिल तो बना, लेकिन निदेशक के लिए नई गाड़ी नहीं खरीदी जा सकी।

निदेशक प्रो. पीके जैन ने एक अगस्त 2018 को पदभार ग्रहण किया था। अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक संस्थान की खराब हो चुकी गाड़ी के बदले नए वाहन का प्रस्ताव भेजने के साथ ही सेवानिवृत्त हो चुके ड्राइवर को रिटेन किया गया था। मंत्रालय की ओर से ही किराए की गाड़ी हायर करने का सुझाव दिया गया था। इसके पीछे यह तर्क दिया गया था कि नई गाड़ी खरीदने और उसके रखरखाव सहित ड्राइवर के वेतन पर होने वाला खर्च हायर वाहन के मुकाबले अधिक था। इस कारण से एक सितंबर 2018 से वाहन के लिए प्राइवेट एजेंसी की सेवा ली जा रही है। संस्थान में वाहन रहने के बावजूद ट्रैवल एजेंसी का सहारा लिया।

- गाड़ियां चलने की हालत में नहीं थीं। इसलिए नई गाड़ी का प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन मंत्रालय स्तर पर स्वीकृति नहीं मिली। इसके बाद से वाहन के लिए ट्रैवेल एजेंसी की मदद ली जा रही है। - प्रो. प्रमोद कुमार जैन (निदेशक-आइआइटी, बीएचयू)

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