काशी में स्वच्छता : भारत सरकार के नगर विकास सचिव ने केंद्रीय योजनाओं की समीक्षा Varanasi news
धार्मिक आध्यात्मिक शैक्षणिक पर्यटन की दृष्टि से विश्वविख्यात नगरी काशी में स्वच्छता के स्तर को उठाना है।
वाराणसी, जेएनएन। धार्मिक, आध्यात्मिक, शैक्षणिक, पर्यटन की दृष्टि से विश्वविख्यात नगरी काशी में स्वच्छता के स्तर को उठाना है। इसके लिए वार्डवार एवं क्षेत्रवार गंदगी का समाधान करें। यह कहना है केंद्रीय नगर विकास सचिव दुर्गा शकर मिश्रा का। वह शुक्रवार को मंडलायुक्त सभागार में विकास योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि किस क्षेत्र में व वार्ड में कितनी रिहायशी, व्यावसायिक, पर्यटक व कितनी फ्लोटिंग आबादी बढ़ी है। उसके अनुसार वहा गंदगी, कूड़ा, मानव मल के निस्तारण आदि की प्रमुखता के आधार पर व्यवस्था हो। सामुदायिक और व्यक्तिगत शौचालय सभी प्रयोग करें।
यदि कोई शौचालय का इस्तेमाल नहीं करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। अधिकारी समय-समय पर देखें कि शौचालय का उपयोग हो रहा कि नहीं। स्वच्छता में बनारस को टॉपटेन में शामिल करने का लक्ष्य लेकर चलें व ओडीएफ प्लस की कार्यवाही तेज करें। बैठक में कमिश्नर दीपक अग्रवाल, संयुक्त सचिव कुणाल कुमार, डीएम सुरेंद्र सिंह, सीडीओ गौराग राठी और नगर आयुक्त आशुतोष कुमार द्विवेदी मौजूद थे।
स्वच्छता के लिए जागरूक करें : स्मार्ट सिटी, स्वच्छ भारत मिशन समेत केंद्रीय योजनाओं की समीक्षा करते हुए नगर विकास सचिव ने कहा कि काशी में बड़े स्तर पर विकास कार्य हुए हैं। घाटों, पाकरें के सुंदरीकरण, फसाड लाइटिंग, वॉल पेंटिंग, सड़कों का चौड़ीकरण, रिंग रोड, भूमिगत लाइन आदि इसमें शामिल हैं। स्वच्छता का स्तर ऊपर उठाने के लिए सामाजिक जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। इसमें अच्छा करने वाले नगर निकायों को धन दिया जा रहा है।
रुद्राक्ष और गंगा घाट देखा : नगर विकास सचिव ने जापान की मदद से नगर निगम के बगल स्थित निर्माणाधीन रुद्राक्ष एवं गंगा घाटों पर फसाड लाइटों का निरीक्षण किया। कार्य संतोषजनक मिला, पर तेजी लाने का निर्देश भी दिया।
ग्लोबल टेंडर की तैयारी : कहाकि ठोस कचरा प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार ने सूबे के 17 नगर निगम और 10 नगर पालिका में ग्लोबल टेंडर के लिए 10 कंपनियों को बुलाया है। बनारस में रोज करीब 600 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है।
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