गाजीपुर जिला अस्पताल जल्द होगा पूरी तरह कोविड हास्पिटल, 200 बेड का मिलेगा लाभ

कोरोना से लड़ाई को लेकर हम पूरी तरह तैयार और प्रतिबद्ध हैं। जिला अस्पताल को 200 बेड का कोविड हास्पिटल बना देने से बड़ी सहूलियत होगी। दवा आक्सीजन और अन्य व्यवस्थाओं की कोई कमी नहीं है। लोग बेफिक्र होकर पूरी सावधानी से रहें।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Fri, 30 Apr 2021 05:14 PM (IST) Updated:Fri, 30 Apr 2021 05:14 PM (IST)
गाजीपुर जिला अस्पताल जल्द होगा पूरी तरह कोविड हास्पिटल, 200 बेड का मिलेगा लाभ
गाजीपुर जिला अस्पताल अब पूरी तरह से कोविड अस्पताल के रूप में काम करेगा।

गाजीपुर, जेएनएन। जिला अस्पताल अब पूरी तरह से कोविड अस्पताल के रूप में काम करेगा। यहां पूरे 200 बेड कोविड के मरीजों के लिए होगा। अभी तक कोविड मरीजों के लिए यहां 50 ही बेड हैं। ऐसे में इमरजेंसी वार्ड ट्रामा सेंटर में शिफ्ट होगा। वैक्सीनेशन व कोरोना जांच का काम पुराने जिला अस्पताल में संचालित होगा। जिलाधिकारी ने इसका खाका तैयार कर लिया है। माना जा रहा है जल्द ही यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। इससे लोगों को बड़ी सहूलियत होगी।

जिले में अब तक दो मोर्चों कोरोना के साथ चुनाव पर जिला प्रशासन की लड़ाई थी। दोनों को बेहतर तरीके से संभालने के बाद चुनाव से खाली हुए अब जिला प्रशासन ने कोरोना की तरफ पूरी तरह ध्यान दे रखा है। खुद इसकी मानीटरिंग कर रहे जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने जिला अस्पताल को पूरे तरीके से 200 बेड का कोरोना हास्पिटल बनाने का निर्णय किया है। इमरजेंसी वार्ड पास में ही स्थित ट्रामा सेंटर में शिफ्ट होगा। इतना ही नहीं, कोतवाली के बगल में स्थित पुराने अस्पताल में वैक्सीनेशन की टीम लगेगी, जिससे यहां अनावश्यक भीड़ न हो पाए और लोग कोरोना संक्रमण से बचे रहें। इतना ही नहीं, कोरोना जांच का काम भी पुराने जिला अस्पताल से ही संचालित होगा। जिलाधिकारी के इस निर्णय से लोगों को बेहद सहूलियत होगी।

12 नए चिकित्सक बुलाए जाएंगे जिला अस्पताल

अस्पताल पर बेड बढ़ाने के साथ ही यहां स्टाफ और व्यवस्थाएं भी बढ़ाई जाएंगी। तीन शिफ्टों में यह संचालित होगी। इसके लिए तीन सीनियर अधिकारियों की तैनाती होगी। इसके इतर विभिन्न सीएचसी, पीएचसी से 12 चिकित्सकों को जिला अस्पताल लाया जाएगा। एक हाल में एक स्टाफ, नर्स और वार्ड व्वाय होंगे। इन्हीं के जिम्मे सारी जिम्मेदारी होगी। मरीजों के ख्याल के साथ पूरे हाल के रिपोर्ट, मरीजों की स्थिति, साफ-सफाई पर नजर और अन्य व्यवस्थाएं इस टीम की न सिर्फ जिम्मेदारी बल्कि जवाबदेही भी होगी।

गांव-गांव काम करेंगी निगरानी समितियां

कोरोना से लड़ाई हर मोर्चे पर लड़ी जाएगी। न सिर्फ जिला अस्पताल की बकायदा व्यवस्था सुदृढ़ होगी बल्कि गांव-गांव निगरानी समितियां भी बनाई जाएंगी। लेखपाल इस निगरानी समिति के मुखिया होंगे। आशा, एएनएम और अन्य लोगों को इसमें लगाया जाएगा। पूरी टीम को लगाकर घर-घर सत्यापन होगा। कोविड के मरीज ढूंढे जाएंगे। ऐसे मरीजों की क्या स्थिति है, उन्हें आवश्यक दवाइयां व किट मिले या नहीं। आक्सीजन लेवल क्या है सबकी रिपोर्ट रखी जाएगी। जिस किसी ने दिए गए नबंर पर फोन कर जानकारी दी वहां टीम पहुंच जाएगी और जरूरत के हिसाब से उसे हर तरह की इलाज दी जाएगी।

19 एंबुलेंस की है व्यवस्था

-जिले भर में 16 एंबुलेंस की व्यवस्था है। 16 एंबुलेंस सभी ब्लाकों पर, जबकि तीन जिला मुख्यालय पर होंगे। जिस मरीज के लिए इसकी जरूरत समझी जाएगी वहां इसका उपयोग लिया जाएगा। चिकित्सकों को भी जिलाधिकारी ने सलाह दी है कि रोगियों का उपचार व्यवहार के साथ करें। डांक्टरों के ठीक से बात करने व उनकी परेशानी समझकर समझाने से आधी समस्याएं तुरंत समाप्त हो जाती हैं।

जिला अस्पताल को 200 बेड का कोविड हास्पिटल बना देने से बड़ी सहूलियत होगी

कोरोना से लड़ाई को लेकर हम पूरी तरह तैयार और प्रतिबद्ध हैं। जिला अस्पताल को 200 बेड का कोविड हास्पिटल बना देने से बड़ी सहूलियत होगी। दवा, आक्सीजन और अन्य व्यवस्थाओं की कोई कमी नहीं है। लोग बेफिक्र होकर पूरी सावधानी से रहें। जिन्हें जिस तरह की जरूरत पड़ेगी जिला प्रशासन मुहैया कराएगा। ऐसी व्यवस्था हो जा रही है कि किसी भी समस्या के समाधान के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।

- जिलाधिकारी, मंगला प्रसाद सिंह।

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