काशी में विश्व कप के हर मैच में करोड़ों का खेल, भारत-न्यूजीलैंड मैच पर है सटोरियों की निगाहें

आदमपुर में गोलगड्डा चौराहा बुधवार शाम तकरीबन पांच बजे का वक्त। चार-पांच युवक मोबाइल पर पाकिस्तान - आस्ट्रेलिया के बीच लाइव मैच देखते हुए बुकी को फोनकर सïट्टा लगा रहे हैं।

By Vandana SinghEdited By: Publish:Wed, 12 Jun 2019 06:37 PM (IST) Updated:Thu, 13 Jun 2019 07:26 PM (IST)
काशी में विश्व कप के हर मैच में करोड़ों का खेल, भारत-न्यूजीलैंड मैच पर है सटोरियों की निगाहें
काशी में विश्व कप के हर मैच में करोड़ों का खेल, भारत-न्यूजीलैंड मैच पर है सटोरियों की निगाहें

वाराणसी, जेएनएन। आदमपुर में गोलगड्डा चौराहा, बुधवार शाम तकरीबन पांच बजे का वक्त। चार-पांच युवक मोबाइल पर पाकिस्तान - आस्ट्रेलिया के बीच लाइव मैच देखते हुए बुकी को फोनकर सïट्टा लगा रहे हैं। एक युवक फोन पर बुकी से कहता है, अगली गेंद पर चौका मारेगा, मेरा भाव लगा दे। दूसरा युवक कहता है कि इस ओवर में 15 रन से ज्यादा बनेंगे, मेरा बुक कर देना। बुकी को फोन करने के अलावा मोबाइल एप से भी सïट्टेबाजी की जा रही है।

शहर में क्रिकेट प्रेमियों के बीच विश्व कप का ज्वार है। हर कोई चाहता है कि भारत दुबारा क्रिकेट में विश्व विजेता बने। प्रार्थना और दुआएं की जा रही हैं। मगर इन क्रिकेट प्रेमियों के बीच बड़ी संख्या में सïट्टेबाज भी हैं जिन्हें सिर्फ भारत की जीत का क्रेज नहीं बल्कि उन्हें प्रत्येक मैच में दिलचस्पी है। वजह यह है कि हर मैच में सïट्टेबाजी से अरबों-खरबों रुपये का वारा-न्यारा होता है। आइपीएल के दौरान एसटीएफ और क्राइम ब्रांच ने बनारस से कानपुर तक सट्टेबाज गिरोह के लोगों को दबोचा और नेटवर्क का खुलासा किया लेकिन सïट्टा बाजार पर फर्क नहीं पड़ा।

विश्वकप के पहले मैच से ही सïट्टा बाजार गर्म हो गया। भारत-दक्षिण अफ्रीका मैच में सबसे ज्यादा सïट्टा लगा। यहां भी कई करोड़ का खेल हो गया। शहर के शिवपुर इलाके में सïट्टा लगाने वालों की बड़़ी संख्या है। लंका, जैतपुरा, आदमपुर, सिगरा, पांडेयपुर, भेलूपुर के कई मोहल्लों में सïट्टेबाजी चरम पर है। सिगरा, लंका, कैंट, चौक, चेतगंज में बड़ी संख्या में नौकरी पेशा युवा, छात्र और कारोबारी भी रोज क्रिकेट मैच में सïट्टा लगाते रहे हैं।

होटलों और फ्लैट में बना रहे अड्डा

पुलिस से बचने के लिए सटोरिए यानी बुकी लगातार अपना ठिकाना बदल रहे हैं। कुछ दिन होटल में तो फिर किसी फ्लैट में अड्डा बनाया जाता है जहां टीवी के सामने लैपटॉप और रजिस्टर रखकर बुकी बैठते हैं। उनके तमाम एजेंट अलग-अलग इलाकों में सक्रिय रहते हैं जो सïट्टा लगाने वालों से पैसे लेकर अड्डे पर पहुंचाते हैं। यही एजेंट जीतने पर अड्डे में बुकी से पैसे लेकर सïट्टा लगाने वालों को देने भी जाते हैं। आइपीएल के दौरान आदमपुर और लंका में दो ठिकानों से चार लोग मैच में सïट्टा लगाते पकड़े गए थे। दोनों मामले में 36 लाख जब्त हुए थे। इस गिरोह का कनेक्शन कानपुर से था जहां अड्डे से उपकरण भी बरामद हुए थे। गिरोह से जुड़े एक पोर्टल संचालक समेत तीन लोग अभी नहीं पकड़े गए। एसएसपी आनंद कुलकर्णी का कहना है कि क्राइम ब्रांच और क्षेत्रीय थानों की पुलिस को एलर्ट किया गया है।

हर गेंद, विकेट, रन पर लगता है भाव

क्रिकेट मैचों में सïट्टेबाजी भी गजब है। महज जीत-हार पर नहीं, हर गेंद, रन, विकेट, शतक, अद्र्धशतक, ओवर में रन समेत मैच के हर पहलू पर भाव लगाते हैं सटोरिए। मैच में कितना रन बनेगा, कौन सी टीम जीतेगी, किसकी पराजय होगी, कितने रन या विकेट से जीत-हार होगी, कौन बल्लेबाज कितने छक्के मारेगा, अगले ओवर में कितने रन बन जाएंगे, विकेट गिरेगा या नहीं पर भी सïट्टा लगाया जाता है।

आस्ट्रेलिया से भारत को जिता रहे सटोरिए

-इस बार विश्व कप जीतने के लिहाज से भारत फेवरिट टीम है इसलिए इसका भाव सबसे ज्यादा रहा तय है। यानी भारत की जीत पर सïट्टा लगाने पर ज्यादा फायदा नहीं होगा हालांकि अभी भाव खुला नहीं है। सटोरियों का कहना है कि उन्हें भारत की जीत-हार से ज्यादा मैच में शतक, विकेट, चौकों-छक्कों, स्कोर पर भाव लगाने से फायदा होने का अनुमान है।

पुलिस, कारोबारी और ठेकेदार लगा रहे पैसे

आइपीएल के दौरान शहर में क्राइम ब्रांच ने सिर्फ एक ठिकाने पर छापेमारी की जबकि कई और ठिकाने थे। यह माना जाता है कि पुलिस को सभी अड्डों की जानकारी रहती है लेकिन हिस्सा मिलता है इसलिए धरपकड़ नहीं की जाती है। यही हाल विश्व कप में भी है। पुलिसवाले काली कमाई सïट्टे में लगा रहे हैं। कारोबारी और ठेकेदार भी परिचित सटोरिए को 10 फीसदी ब्याज के साथ वापसी की डील पर मोटी रकम थमा देते हैं।

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