हर आंख नम, रोया गगन, अटलजी अंतिम नमन

वाराणसी : जब हो राख की ऐसी साख तो क्यों न भर आए हर आंख..और सचमुच ऐसा ही हुआ। जनन

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 Aug 2018 02:33 AM (IST) Updated:Sun, 26 Aug 2018 02:33 AM (IST)
हर आंख नम, रोया गगन, अटलजी अंतिम नमन
हर आंख नम, रोया गगन, अटलजी अंतिम नमन

वाराणसी : जब हो राख की ऐसी साख तो क्यों न भर आए हर आंख..और सचमुच ऐसा ही हुआ। जननायक अटल बिहारी वाजपेयी का अस्थि कलश लेकर राजधानी लखनऊ से चली यात्रा ने शनिवार को दोपहर सवा बारह बजे फूलपुर सीमा लांघकर जिले में प्रवेश किया तो उनके चाहने वालों के साथ बादलों का भी कलेजा फट पड़ा। एक तरफ अटलजी के दीवानों की नम आंखों की अश्रुधार और दूसरी तरफ अल सुबह से ही मानों देश के लाल के महाप्रयाण पर बिलख रहे मेघों की फुहार और बौछार से माहौल खुद ब खुद गमगीन होता गया। भाव विह्वल काशीवासियों का धैर्य खोता गया। ढाढ़स बंधाया 'अटल बिहारी अमर रहे' के गगनभेदी नारों ने और गुलाब की भीगी-भीगी पंखुड़ियों की अटूट बौछारों ने। अस्थि कलश लेकर प्रयाण रथ आगे नगर की ओर बढ़ा और हर कदम कतार लंबी होती गई। काजीसराय में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा. महेंद्र नाथ पांडेय ने कमान संभाली। इससे पहले अस्थि कलश को लेकर राज्यमंत्री डा. नीलकंठ तिवारी, एमएलसी लक्ष्मण आचार्य व काशी क्षेत्र अध्यक्ष महेश श्रीवास्तव कलश को लेकर राजधानी से लेकर जौनपुर रात्रि प्रवास करते हुए बनारस की तरफ बढ़े थे। प्रदेश अध्यक्ष के साथ होने के संग ही लोग विह्वल होते गए।

नगर में आते ही रथ गिलट बाजार में रुका और बारिश के बावजूद वहां अंजुरियों में गुलाब की पंखुड़ियां लेकर खड़े सैकड़ों लोगों ने कलश को नमन किया। वहां से राजर्षि तिराहे पर भी पुष्पवर्षा की लड़ियां टूटी नहीं। गुलाबी पंखुड़ियों से ढंकी सड़क पर कारवां चलता चला गया। सर्किट हाऊस और गोलघर पर भी सैकड़ों लोग इंतजार में खड़े थे। रथ के पहुंचते ही अटल जी अमर रहें के नारों से आकाश गूंज उठा। यहां से वरुणा पार कर यात्रा मिंट हाऊस पहुंची जहां सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता और आमजन इकट्ठा थे और रथ पहुंचते ही पुष्पवर्षा की घनघोर हुई।

लहुराबीर चौराहे पर अटल अस्थि कलश यात्रा पहुंचते ही बारिश की झड़ियां भी तेज हो गई और यहां फिरोज खां मुन्ना व शशांक के साथ जुटे आसपास के इलाकों के मुस्लिम बंधुओं की भीड़ और बड़ी संख्या में व्यापारियों सहित लोगों ने अटल को नमन किया। यात्रा पिपलानी कटरा, कबीरचौरा होते हुए मैदागिन पहुंची जहां से गाड़ियों के काफिले के साथ लोगों ने पदयात्रा शुरू कर दी। बुलानाला, चौक और बांसफाटक होते हुए गोदौलिया चौराहे से काफिला राजेंद्र प्रसाद घाट पहुंचा। यह पूरा मार्ग ठसाठस भीड़ से भरा रहा। बनारस के इस पक्के महाल की आबादी ने छतों, खिड़कियों, छज्जों और सड़क की पटरियों पर खड़े होकर अटल जी की याद में नारे लगाए, पुष्प बरसाए और नम आंखों से अंतिम विदाई दी। चितरंजन पार्क से आगे बढ़ने के साथ ही रथ रुका और वहां से अस्थि कलश को हाथ में लेकर डा. महेंद्र पांडेय घाट की सीढि़यां उतरे। राजेंद्र प्रसाद घाट के मुक्ताकाशीय मंच पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया था। यहां महापौर मृदुला जायसवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष अपराजिता सोनकर, विधायक रवींद्र जायसवाल, सौरभ श्रीवास्तव, सुरेंद्र सिंह ऐढ़े, अवधेश सिंह, केदारनाथ सिंह, चेतनारायन सिंह व पूर्व विधायक श्यामदेव राय चौधरी सहित भाजपा के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं, नगर के आम व खास लोगों के अलावा पुलिस व प्रशासन के आला अधिकारियों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इसके बाद बजड़े (बड़ी नाव) से वैदिक मंत्रोच्चार के बीच अस्थि अवशेष को मोक्ष नगरी में मोक्षदायिनी गंगा की गोद में समर्पित कर दिया गया। उस्ताद बिस्मिल्लाह खां के कुनबे ने दी शहनाई के मातमी धुन से श्रद्धांजलि

राजेंद्र प्रसाद घाट पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में शामिल होकर भारत रत्न बिस्मिल्लाह खां के कुनबे ने नासिर अब्बास और वली हसन के नेतृत्व में शहनाई की मातमी धुन से पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को स्वरांजलि भेंट की।

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