वाराणसी में डेढ़ लाख उपभोक्ताओं के बिजली मीटर संदिग्ध, जांच के लिए चलाया जाएगा विशेष अभियान

वाराणसी में दो किलोवाट का बिजली कनेक्शन और बिल सात से आठ सौ रुपये जमाकर हर माह अपडेट रहने वाले उपभोक्ताओं के मीटर बिजली विभाग के निशाने पर चल रहे हैं। ऐसे उपभोक्ताओं के मीटर की जांच कराई जाएगी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 09:42 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 09:42 PM (IST)
वाराणसी में डेढ़ लाख उपभोक्ताओं के बिजली मीटर संदिग्ध, जांच के लिए चलाया जाएगा विशेष अभियान
मीटर जांच के लिए चलाया जाएगा विशेष अभियान

वाराणसी, जागरण संवाददाता। दो किलोवाट का कनेक्शन और बिल सात से आठ सौ रुपये जमाकर हर माह अपडेट रहने वाले उपभोक्ताओं के मीटर बिजली विभाग के निशाने पर चल रहे हैं। ऐसे उपभोक्ताओं के मीटर की जांच कराई जाएगी। यदि लैब में मीटर से छेड़छाड़ की बात पुष्ट हुई तो इन उपभोक्ताओं के खिलाफ विभाग बिजली चोरी का मुकदमा भी दर्ज कराएगा। विभाग के आंकड़ों के अनुसार कोरोना काल में घरेलू कनेक्शनों की खपत में बढ़ोत्तरी हुई है। फिर भी जिले के लगभग डेढ़ लाख उपभोक्ताओं के बिल में कोई फर्क नहीं पड़ा है। विभाग को शक है कि ऐसे उपभोक्ताओं ने मीटर में रिमोट लगवाए हैं। इससे खपत बढ़ने के बावजूद उनके यहां लगे मीटर रीडिंग नहीं बढ़ रही है।

संदिग्धों की बनाएंगे सूची जेई

जिन उपभोक्ताओं के खपत के अनुसार मीटर रीडिंग नहीं चल रहा है, उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए विभाग ने जेई को अपने क्षेत्र के अनुसार सूची बनाने का निर्देश दिया है। इसी सूची के आधार पर विभाग इन उपभोक्ताओं के मीटर को लैब में भेजकर जांच कराएगा। जब से वाराणसी में स्‍मार्ट मीटर लगाया गया तभी से लोगों को कुछ न कुछ दिक्‍कत हो रही है।

एबीसी केबल की भी होगी जांच

बिजली चोरी के लिए चोरों ने नया रास्ता खोज लिया है। विभाग दावा कर रहा था कि एरियल बंच केबल (एबीसी) लगने के बाद बिजली चोरी रूक जाएगी। लेकिन चोरों ने केबल में कील लगाकर बिजली चोरी करने का नया रास्ता अख्तियार कर लिया है। संदिग्ध उपभोक्ताओं के घर के आस-पास के एबीसी केबल को भी जांच किया जाएगा।

लगभग डेढ़ लाख उपभोक्ता संदिग्ध के दायरे में हैं 

घरेलू उपभोक्ताओं की खपत बढ़ने के बावजूद बिल में कोई फर्क नहीं पड़ने पर लगभग डेढ़ लाख उपभोक्ता संदिग्ध के दायरे में हैं। इनकी जांच के लिए जल्द ही टीम का गठन करके जांच अभियान चलाया जाएगा।

देवेंद्र सिंह, मुख्य अभियंता पूविविनिलि

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