पांच दिनों से गायब BHU के एमबीबीएस छात्र का मीरजापुर में मिला शव, परिवारीजन को किया गया सूचित

पांच दिनों से गायब बीएचयू के एमबीबीएस के छात्र नवनीत पराशर का शव शनिवार को चील्ह थानाक्षेत्र में कोल्हुआ गंगा घाट पर उतराया मिला।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sat, 13 Jun 2020 01:52 PM (IST) Updated:Sat, 13 Jun 2020 05:28 PM (IST)
पांच दिनों से गायब BHU के एमबीबीएस छात्र का मीरजापुर में मिला शव, परिवारीजन को किया गया सूचित
पांच दिनों से गायब BHU के एमबीबीएस छात्र का मीरजापुर में मिला शव, परिवारीजन को किया गया सूचित

मीरजापुर, जेएनएन। पांच दिनों से गायब बीएचयू के एमबीबीएस के छात्र नवनीत पराशर का शव शनिवार को चील्ह थानाक्षेत्र में कोल्हुआ गंगा घाट पर उतराया मिला। मौके पर पहुंचे सीओ सदर संजय सिंह ने बताया कि वाराणसी में पढ़ने वाले छात्र के कपड़े और हुलिये से पहचान की गई है लेकिन शिनाख्त के लिए उसके स्वजनों और दोस्तों को बुलाया गया है। पहचान पुख्ता हो जाने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। नवनीत पराशर पुत्र मनोज पराशर निवासी हाकाम, मोहम्मदपुर, जिला गोपालगंज, बिहार का निवासी है जो वाराणसी के एक हास्टल में रहकर एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा था।

9 जून की सुबह से था गायब

काशी हिंदू विश्विद्यालय के सरसुंदर लाल चिकित्सालय में इंटर्न कर रहे एमबीबीएस के छात्र नवनीत पराशर के बारे में लापता होने की शिकायत मिलने पर पुलिस ने बीते बुधवार को लंका थाने में गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया था। 2015 बैच का छात्र नवनीत पराशर जो धन्वंतरि के रूम नंबर 18 में रहता था। वह बीते नौ जून को विंध्याचल धाम पहुंचा था। इसके बाद बुलेट मोटरसाइकिल खड़ी करके लापता हो गया।

विंध्याचल में मां विंध्यवासिनी मंदिर के पास देखा गया था

छात्र नवनीत को नौ जून की दोपहर में विंध्याचल में मां विंध्यवासिनी मंदिर के पास देखा गया था। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक छात्र ने अपनी मोटर साइकिल को कोतवाली गेट के सामने खड़ी किया व मंदिर की सीढिय़ों पर उसकी चाभी छोड़कर गंगा स्नान करने चला गया। नहाने के बाद वह फिर से लौटा व मंदिर की सीढिय़ों पर मत्था टेका। इसके बाद कुछ लोगों से बलि के बारे में चर्चा की और फिर गंगाघाट की तरफ चला गया और दोबारा दिखाई नहीं दिया।

पुलिस के अनुसार 10 जून को उसके साथ पढ़ने वाले चार युवकों ने पुलिस को जानकारी दी कि वह अत्यंत मेधावी छात्र था। दो महीने पहले ही बनारस में ही किसी साधक से उनकी निकटता हो गई। इसके बाद उसकी संसार व सांसारिक वस्तुओं से मोहभंग होने लगा। उन लोगों के अनुसार उसने अपने पास मौजूद हर वस्तु जैसे मोबाइल, पैसा इत्यादि किसी न किसी को दान दे दिया। मोटर साइकिल भी दान देने की कोशिश की थी।

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