सोनभद्र के मंदिर में पति द्वारा सिंदूर धुलवा कर तलाक कराने के मामले में मुकदमा दर्ज

सिंदूर धुलवा कर तलाक कराने का मामला तूल पकड़ने के बाद कुछ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 12 Sep 2020 03:08 PM (IST) Updated:Sat, 12 Sep 2020 04:12 PM (IST)
सोनभद्र के मंदिर में पति द्वारा सिंदूर धुलवा कर तलाक कराने के मामले में मुकदमा दर्ज
सोनभद्र के मंदिर में पति द्वारा सिंदूर धुलवा कर तलाक कराने के मामले में मुकदमा दर्ज

सोनभद्र, जेएनएन। रायपुर थाना क्षेत्र के गोटीबांध गांव में बीते गुरुवार को महिला के मांग का सिंदूर धुलने के बाद स्टांप पेपर पर विवाह विच्छेद लिखाने के मामले में शुक्रवार की रात छह लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने पर आरोपित पक्ष में खलबली मच गई है। एक तरफ पुलिस मांग का सिंदूर धुलने के वक्त व पंचायत में मौजूद लोगों की सूची बना रही तो दूसरी तरफ प्राथमिकी दर्ज होने पर दहशत में आए आरोपित पति-पत्नी के बीच सुलह समझौता कराने का रास्ता तलाशने लगे हैं।  

बतादें कि गोटीबांध शंकर जी के मंदिर परिसर में पंचायत के बाद अनोखे तरीके से पन्नूगंज थाना क्षेत्र के धर्मदासपुर गांव निवासी संतोष गिरी ने गुरुवार को पत्नी के मांग का सिंदूर धुलने के बाद स्टांप पेपर पर विवाह विच्छेद लिखवा लिया था। विवाह विच्छेद के बाद संतोष की पत्नी मीना एक बेटी व पुत्र को लेकर अपने मायके गोटीबांध चली गई थी जबकि संतोष छोटी बेटी को लेकर अपने घर चला गया था। इस मामले ने शुक्रवार को उस वक्त नया मोड़ ले लिया जब मीना ने रायपुर थाने में पति समेत छह लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा दी। इस मामले में पति संतोष गिरी के अलावा गोटीबांध गांव निवासी अशोक जायसवाल, अशोक यादव, अनिल पासवान, राहुल पासवान तथा करमा थाना क्षेत्र के विशुनपुरा गांव निवासी संतोष के फूफा हौसिला गिरी के खिलाफ धारा 498 व 506 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। एफआइआर दर्ज करने के बाद पुलिस पंचायत व मांग का सिंदूर धुलने के दौरान मौजूद लोगों की सूची बना रही ताकि प्राथमिकी में उनका नाम भी आरोपितों में शामिल किया जाए। दूसरी तरफ इस बात की भनक शनिवार की सुबह आरोपितों को हुई तो कानूनी अड़चन से बचने के लिए पति-पत्नी के बीच समझौता कराने की कोशिश में जुट गए हैं।    

गिरफ्तारी नहीं आरोप पत्र भेजा जाएगा न्यायालय

रायपुर थाना प्रभारी हेमंत कुमार सिंह ने बताया कि मीना की तहरीर के अनुसार धारा 498 व 506 में प्राथमिकी दर्ज हुई है। दोनों धाराओं में सजा का प्राविधान सात वर्ष से कम है। एेसे में उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। उनके खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया जाएगा।

स्टांप पर विवाह विच्छेद नहीं मान्य  

पूर्व एडीजीसी क्रिमिनल बिंदू यादव ने बताया कि हिंदू विवाद अधिनियम 1955 की धारा 13 के तहत न्यायालय से विवाह विच्छेद मिलने पर ही मान्य है। किसी तरह के स्टांप पेपर पर विवाह विच्छेद लिखवा लेने से विवाह नहीं टूटेगा।

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