आजमगढ़ में फर्जी शिक्षिका के खिलाफ मुकदमा, गलत दस्तावेज के जरिए दूसरे के नाम पर कर रही थी नौकरी

फर्जी अंकपत्र लगाकर दूसरे के नाम पर नौकरी करने के मामले में आजमगढ़ के अतरौलिया पुलिस ने फर्जी शिक्षिका रिंकी सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sun, 05 Jul 2020 07:09 PM (IST) Updated:Sun, 05 Jul 2020 07:09 PM (IST)
आजमगढ़ में फर्जी शिक्षिका के खिलाफ मुकदमा, गलत दस्तावेज के जरिए दूसरे के नाम पर कर रही थी नौकरी
आजमगढ़ में फर्जी शिक्षिका के खिलाफ मुकदमा, गलत दस्तावेज के जरिए दूसरे के नाम पर कर रही थी नौकरी

आजमगढ़, जेएनएन। फर्जी अंकपत्र लगाकर दूसरे के नाम पर नौकरी करने के मामले में अतरौलिया पुलिस ने फर्जी शिक्षिका रिंकी सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। अतरौलिया खंड शिक्षा अधिकारी शैलेंद्र कुमार तिवारी की तहरीर पर कानूनी कार्रवाई हुई है। इलाकाई पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है। खंड शिक्षा अधिकारी शैलेंद्र कुमार त्रिपाठी ने बताया कि संतकबीर नगर जिले के खलीलाबाद राजकीय औद्योगिक संस्थान मुजलिसपुर कैलाश नगर निवासी रिंकी सिंह पुत्री रामअशीष सिंह गौतमबुद्ध नगर नोएडा के राजकीय बालिका इंटर कालेज होसियापुर में बतौर प्रवक्ता रसायन विज्ञान तैनात हैं।

रिंकी सिंह के खिलाफ जांच शुरू

आइटीआर (इनकम टैक्स रिटर्न) भरने के दौरान उनका पैन नंबर दो स्थानों पर दिखाई पड़ रहा था। पता करने पर ज्ञात हुआ कि आजमगढ़ जिले के अतरौलिया के प्राथमिक विद्यालय शिबुरा पर भी रिंकी सिंह नाम की शिक्षिका तैनात है। वह भी यही पैन नंबर इस्तेमाल कर रही हैं। शिकायत पर बीएसए ने जांच में दोषी पाए जाने के बाद शिक्षिका को बर्खास्त करने व उसके द्वारा आहरित की गई धनराशि की रिकवरी करने और मुकदमा कराने का निर्देश दिया है। खंड शिक्षा अधिकारी की तहरीर पर पुलिस ने रिंकी सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

बलिया पहुंची 464 संदिग्ध शिक्षकों की सूची, जांच में कई की जा सकती है नौकरी

अपर मुख्य सचिव ने बलिया के परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत 464 शिक्षकों, अनुदेशकों व शिक्षा मित्रों की सूची जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भेजी है। सूची में शामिल सभी शिक्षक संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी से वर्ष 2004 से 2014 के मध्य शैक्षिक एवं प्रशिक्षण परीक्षाओं में उत्तीर्ण किए गए हैं। इनके परीक्षाफल, प्रमाण पत्र व अन्य अभिलेख संदिग्ध पाए जाने के बाद शासन ने इनके अभिलेख तलब किए हैं। इसकी जांच एसआईटी द्वारा कराई जा रही है। शासन के नए फरमान के बाद से शिक्षकों, शिक्षामित्रों और अनुदेशकों में खलबली मच गई है।

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