कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट करेगी 'बुलेट'

अब बुलेट का लेजर मिसाइल जैसा प्रहार कैंसर की कोशिकाएं नष्ट करेगा।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Apr 2018 08:30 AM (IST) Updated:Fri, 27 Apr 2018 08:30 AM (IST)
कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट करेगी 'बुलेट'
कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट करेगी 'बुलेट'

वाराणसी : अब बुलेट का लेजर मिसाइल जैसा प्रहार कैंसर की कोशिकाएं नष्ट करेगा। चौंकिए नहीं, बच्चों में पाई जाने वाले जानलेवा रक्त कैंसर सीएमएल का इलाज चिकित्सा विज्ञान ने बुलेट के माध्यम से खोज लिया है। 'जिंदा जादुई बुलेट' इलाज तकनीक से 85-90 फीसद बच्चों को ठीक करने का दावा किया जा रहा है। यह बुलेट लेजर गाइडेड मिसाइल की तरह कैंसर कोशिकाएं नष्ट करती है। दो वर्ष निरंतर दवा लेने पर हमेशा के लिए इससे छुटकारा मिल जाता है। यह कहना है नेशनल हीमेटोलॉजी कांफ्रेंस के आयोजन सचिव और चिकित्सा विज्ञान संस्थान बीएचयू के पैथालॉजी विभाग के प्रो. विजय तिलक का। प्रो. तिलक ने गुरुवार को मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेसवार्ता में बताया कि जादुई बुलेट बनाने के लिए शरीर से स्वस्थ टी- रक्षक कोशिका बाहर निकाली जाती है। इसके बाद जेनेटिक इंजीनिय¨रग द्वारा यह सुनिश्चित किया जाता है कि वह कैंसर की कोशिकाओं को पहचानने लगे। इसके बाद जेनेटिक इंजीनियर्ड टी-रक्षक कोशिका को शरीर में डाला जाता है। जो शरीर में छुपी कैंसर की कोशिकाओं को बुलेट के जैसे ढूंढ कर नष्ट करता है। बताया कि इसके साथ कार्ट चिकित्सा रिलेप्स से इस बीमारी से पीड़ित बच्चों का इलाज किया जा रहा। एक इंजेक्शन से एनीमिया से मुक्ति

प्रो. तिलक ने एनीमिया से मुक्ति के लिए आयरन की गोली को नुकसानदेह बताया। कहाकि इसकी जगह एक सुरक्षित इंजेक्शन से मात्र 15 मिनट में एनीमिया की समस्या दूर की जा सकती है। विभाग की डा. दीपा रानी ने बताया कि कैंसर की जांच-उपचार को लेकर आए दिन नए आविष्कार हो रहे हैं। मात्र सीबीसी की जांच से खून संबंधी 100 बीमारियों का पता लगा सकते हैं। सरकारी अस्पतालों में इसकी कीमत मात्र 150 रुपये है। अब मरीजों की जांच माइक्रोस्कोप से भी संभव है। 29 को कान्फ्रेंस का आयोजन

प्रो. तिलक व डा. दीपा ने बताया कि नई तकनीक पर 29 अप्रैल को कांफ्रेंस होगा। एम्स नई दिल्ली के हीमेटोलॉजी विभाग की प्रो. रेनू सक्सेना इस बारे में विस्तार से जानकारी देंगी। यह आयोजन सुबह 7.45 से रात 7.45 बजे तक अनवरत चलेगा। इसमें विभिन्न मेडिकल कालेजों से आठ विशेषज्ञ भी अपने विचार रखेंगे।

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