मानवता शर्मशार : रिश्वत नहीं मिली तो नर्स ने नवजात को पटका, प्रशासन में हड़कंप

जिला महिला अस्पताल में प्रसूता महिलाओं से नर्स व सफाई स्टाफ द्वारा रिश्वत मांगने के मामले में अभी जांच चल ही थी कि मानवता को शर्मशास करने वाला दूसरा मामला भी सामने आ गया।

By Vandana SinghEdited By: Publish:Mon, 03 Jun 2019 06:59 PM (IST) Updated:Mon, 03 Jun 2019 07:41 PM (IST)
मानवता शर्मशार : रिश्वत नहीं मिली तो नर्स ने नवजात को पटका, प्रशासन में हड़कंप
मानवता शर्मशार : रिश्वत नहीं मिली तो नर्स ने नवजात को पटका, प्रशासन में हड़कंप

मीरजापुर, जेएनएन। जिला महिला अस्पताल में प्रसूता महिलाओं से नर्स व सफाई स्टाफ द्वारा रिश्वत मांगने के मामले में अभी जांच चल ही थी कि मानवता को शर्मशास करने वाला दूसरा मामला भी सामने आ गया। प्रसूता महिला से सफाई स्टाफ व नर्स ने नाभि काटने व सफाई के नाम पर 2500 रुपये की मांग की। गरीब परिजनों ने दो सौ रुपया ही दिया जिससे नर्स इतनी नाराज हो गई तो उसने एक दिन के नवजात को फर्श पर पटक दिया जिससे बच्चे के सिर पर चोट आ गई। मामले की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया और डीएम ने मामले की जांच के लिए टीम गठित की है और तीन दिन में रिपोर्ट तलब की गई है।

हलिया बाजार निवासी गेंदा देवी पत्नी विजय सोनकर को शनिवार की देर रात करीब 11 बजे बच्चा पैदा हुआ। पैदा हाेने के एक घंटे बाद ही महिला अस्पताल की नर्स व महिला सफाईकर्मी ने बच्चे की मां से नाभि काटने व सफाई के एवज में 2500 रुपये की मांग की। परिजनों के पास उस समय मात्र दो सौ रुपये ही मौजूद रहे। नवजात की मां गेंदा देवी उनसे पैसे लेने की विनती की लेकिन महिला कर्मी का दिल नहीं पसीजा और उसने पैसे फेंकने के साथ ही बच्चे को भी फर्श पर फेंक दिया जिससे उसके सिर में चोट लग गई। इससे घबराए परिजन जब सिर के चोट के इलाज के लिए चिकित्सकों के सामने गिड़गिड़ाने लगे तो उन्हें बीएचयू जाने के लिए कह दिया गया। लाचार व बेबस परिजन बच्चे को लेकर रातभर रविवार को पास के ही कृष्णा हास्पिटल डा. मृदुला जायसवाल के यहां पहुंचे, जहां बच्चे का इलाज किया गया। बच्चे के सिर में अभी भी चोट है और परिजन उसे घर लेकर पहुंचे हैं। परिजनों ने बताया कि अस्पताल में मरीजों के साथ गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार होता है और उन्होंने कभी जिला अस्पताल न जाने की कसम खाई।

घटना छिपाने की हुई कोशिश

रविवार को मामले की भनक लगते ही कुछ लोग जब पूछताछ करने महिला अस्पताल पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि ऐसी कोई घटना हुई ही नहीं है। देर रात चिकित्सकों ने मामले को स्वीकार किया और कहा कि रिश्वत मांगने की बात सही हो सकती है लेकिन बच्चे को पटका नहीं गया है। जबकि नवजात की मां ने कहा कि पैसा न देने की वजह से उसके बच्चे को जान से मारने की नीयत से पटक दिया गया।

जिलाधिकारी ने मांगी रिपोर्ट

मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने सीएमओ डा. ओपी तिवारी को बुलाकर पूछताछ की जिसमें सीएमओ ने भी यही बात कही कि रिश्वत मांगने की बात हो सकती है लेकिन बच्चे को चोट नहीं पहुंचाई गई। इससे नाराजगी जताते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि आप भी अब पुलिस की तरह बयान देने लगे इसलिए हम अपनी टीम भेजकर मामले की तफ्शीश करेंगे। इसी क्रम में एसडीओ आशुतोष दूबे ने सोमवार को पीड़ित मां से मुलाकात कर मामले की जानकारी ली।

प्रकरण की जानकारी मिली है और इस पर मुख्य चिकित्साधिकारी से भी पूछताछ की गई। मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की गई है जो तीन दिन में जांच रिपोर्ट देगी। दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।

- अनुराग पटेल, जिलाधिकारी, मीरजापुर।

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